पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा से गुरुवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता व पूर्व सांसद वृंदा करात और सुभाषिनी अली ने मुलाकात की. जेल में मुलाकात के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे मामले में आरोपी को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है. वृंदा करात ने पत्रकारों से कहा कि एसआईटी ने पीड़िता की एफआईआर बहुत कमजोर धाराओं में दर्ज की है. यही नहीं, ब्लैकमेलिंग मामले में पीड़िता की गिरफ्तारी में पुलिस ने एसआईटी के साथ दुर्व्यहार किया.
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पूर्व सांसद वृंदा करात ने मांग की है कि चिन्मयानंद पर दूसरे केस के चलते उन पर सख्त कार्रवाई हो. पूरे केस में आरोपी को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है. वहीं, सुभाषिनी अली ने कहा, 'हम एसआईटी से मांग कर रहे हैं कि चिन्मयानंद पर सीधे तौर पर धारा 376 के तहत करवाई हो. इसके अलावा होस्टल के कमरे से गायब महत्वपूर्ण चश्मे को लेकर भी इसमें धारा 201 को जोड़ा जाए.' उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी प्रदेश सरकार के दबाव में है और आरोपी को बचाने में जुटी है.
ज्ञात हो कि चिन्मयानंद के संस्थान में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले में एसआईटी ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से उनका लखनऊ के एसजीपीजीआई में इलाज चल रहा है.
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चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने छात्रा के तीन दोस्त संजय, विक्रम और सचिन को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उधर बुधवार को चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने पीड़िता को भी गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. एसआईटी का कहना है कि उसके पास छात्रा के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
Source : आईएएनएस