मेरठ के वेदव्यास पुरी मैदान में आयोजित रैली के दौरान मायावती ने पीएम मोदी की नीतियों को ग़लत ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान किसान, मजदूर, कर्मचारी व छोटे व्यापारियों के खिलाफ नीतियों से प्रदेश की 22 करोड़ जनता में आक्रोश है।
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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि नोटबंदी कर ईमानदारों को अपने ही पैसे से वंचित करने वाली और ढाई महीने तक घंटों लाइन में खड़े रहने की सजा देने वाली मोदी सरकार को जनता सबक सिखाएगी। देश को नोटबंदी का कोई फायदा नहीं हुआ, फायदा मोदी के चंद दोस्तों का हुआ है। मोदी सरकार यह भी नहीं बता रही है कि कितना कालाधन निकला। बजट में इसका जिक्र तक नहीं है।
मायावती ने कहा कि चुनाव में सांप्रदायिक, जातिवादी व आपराधिक ताकतों को नष्ट करने के लिए बसपा चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा, 'टिकट बंटवारे के मामले में भी हमारी पार्टी ने सर्व समाज को उचित भागीदारी दी है।'
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सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर उन्होंने कहा कि जनता को इससे सचेत रहने की जरूरत है, वोट बंटना नहीं चाहिए।
मायावती ने कहा कि यूपी में चोरी, डकैती, लूट मार, जमीनों पर कब्जे, महिलाओं के खिलाफ अपराध बहुत बढ़ गए हैं। सपा सरकार के कार्यकाल में मुजफ्फरनगर दंगे समेत 500 छोटे बड़े दंगे प्रदेश में हुए दादरी की घटना हुई, बुलंदशहर का दर्दनाक बलात्कार कांड हुआ। सपा सरकार में विकास कार्य अधूरे हैं, करोड़ों रुपये प्रचार में खर्च कर दिए गए।
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उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने बसपा सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं के नाम बदल दिए और उनका क्रेडिट ले रही है। पेंशन योजना का नाम बदल दिया गया, पहले इसका नाम महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना था।
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Source : IANS