उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले महीने 3 दिसंबर को गोकशी मामले में पकड़े गए 7 आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. बता दें कि इसी गोकशी के शक में हुई हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक सुमित की हत्या हुई थी. 10 जनवरी को हिंसा में भीड़ को भड़काने मामले में मुख्य आरोपी में भाजयुमो (भारतीय जनता युवा मोर्चा) के पूर्व नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल को एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने गिरफ्तार किया था.
इस हिंसा मामले में 50 आरोपी फरार चल रहे हैं और सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. शिखर अग्रवाल से पहले 3 जनवरी को बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था जो मुख्य आरोपियों में शामिल है.
बता दें कि शिखर अग्रवाल और योगेश राज पर भीड़ को बवाल के लिए भड़काने का आरोप है. बवाल के बाद से ही दोनों फरार चल रहे थे. बवाल के बाद एक समाचार चैनल को इंटरव्यू देने के बाद शिखर अग्रवाल चर्चा में आया था. इंटरव्यू में बवाल के लिए शिखर ने पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए खुद को बेकसूर बताया था.
बवाल से कुछ माह पहले ही शिखर भाजयुमो का स्याना नगराध्यक्ष बना था और बवाल में नाजमदगी के बाद संगठन ने उसको पद से हटा दिया गया था.
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गौरतलब है कि बीते 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना में गोकशी को लेकर हिंसा हुई थी. हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी के युवक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी.
इस मामले में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) सुभाष चंद्र ने 27 नामजद और 50-60 अज्ञात के खिलाफ स्याना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में अभी तक 35 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं.
Source : News Nation Bureau