उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गौकशी के शक में हुई हिंसा और बवाल में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की हत्या मामले में पुलिस ने अबतक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा चार से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद गंभीर होने के कारण जांच अधिकारी एडीजी इंटेलिजेंस एसवी शिरोडकर बुलंदशहर पहुंच चुके और जांच शुरू कर दी है.
मीडिया से बातचीत में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने कहा कि अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में और शांतिपूर्ण बनी हुई है. घटना में अभी तक किसी संगठन का नाम सामने नहीं आया है.उन्होंने घटना में अभी तक किसी को भी मुख्य आरोपी नहीं बताया है. इलाके में बड़ी संख्या में पीएसी व आरएएफ तैनात की गई है.
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एडीजी ने हिंसा का शिकार हुए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को शहीद बताते हुए कहा, ‘वह हमारे पुलिस परिवार के सदस्य थे. हम उनके परिवार की हरसंभव मदद करेंगे.’
उन्होंने बताया कि इस मामले में 88 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 27 लोग नामजद हैं. इनमें से चार लोगों चमन, रामबल, आशीष चौहान और सतीश की गिरफ्तारी हुई है.
एडीजी ने बताया कि एसआईटी घटनास्थल पर पहुंच गई है और अपना काम कर रही है.ये खुफिया एजेंसी की असफलता है या किसी और की जांच रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा.
उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी योगेश राज की तलाश सरगर्मी से जारी है. मारे गए युवक सुमित का पोस्टमार्टम हो चुका है. उसके शरीर में गोली पाई गई. उन्होंने स्वीकार किया कि हिंसा के दौरान पुलिस ने हवाई फायरिंग की थी.
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बुलंदशहर में हिंसा के दौरान स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में स्याना कोतवाली में उपनिरीक्षक सुभाष सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई है. इसमें बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज, बीजेपी युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल और विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी नामजद किया गया है. अभी तक तीनों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
Source : IANS