उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा पर बुधवार को कहा कि यह घटना उन लोगों का 'राजनीतिक षडयंत्र' था, जो अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके हैं. कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामे के कारण उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही बाधित होने पर विपक्ष की आलोचना करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के दोनों सदनों में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा राज्य में किसानों और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामे के कारण प्रश्न काल का समय बर्बाद हो गया और उसके बाद सदन को कई बार स्थगित करनी पड़ी.
विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा, '3 दिसंबर की बुलंदशहर हिंसा उन लोगों का राजनीतिक षडयंत्र था, जो अपना राजनीतिक आधार खो चुके हैं.'
उन्होंने कहा, 'यह एक राजनीतिक षडयंत्र था, जो एक्सपोज हो चुका है. शांति व्यवस्था किसी भी कीमत पर बनी रहेगी. प्रशासन और सरकार ने साजिशकर्ताओं को कठोरता से जवाब दिया है.' बता दें कि इससे पहले योगी आदित्यनाथ बुलंदशहर हिंसा को दुर्घटना बता चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के शक में 3 दिसंबर को हुई गोलीबारी की वारदात और हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. स्थानीय अदालत इस घटना में सभी फरार आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुकी है.
मारे गए युवक सुमित के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और 21 वर्षीय युवक को शहीद घोषित करने की मांग की. सुमित की मां और बहन ने बताया कि आदित्यनाथ ने उन्हें हर प्रकार की मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने घटना में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार को मिले मुआवजे के समान मुआवजा और न्याय की मांग की।
सुबोध कुमार सिंह की विधवा को 40 लाख और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये मुआवजा का ऐलान किया था. लेकिन सिंह के माता-पिता की मौत हो चुकी है. ऐसे में उनकी विधवा ने राशि स्वीकार की है. सरकार ने सिंह के एक बेटे के लिए नौकरी की भी घोषणा की है और उनकी शिक्षा, घर के अन्य खर्चे का ध्यान रखने और शिक्षा ऋण चुकाने का भी वादा किया है.
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Source : News Nation Bureau