उत्तर प्रदेश की जिन 8 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना था, उसमें रामपुर की स्वार विधानसभा सीट भी शामिल थी. जिस पर फिलहाल चुनाव आयोग चुनाव नहीं करा रहा है. इसकी वजह अभी साफ नहीं है, लेकिन स्वार सीट पर उपचुनाव नहीं होने से सियासी दलों में मायूसी जरूर दिखाई दी. क्योंकि कांग्रेस और बीएसपी ने उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया था, लेकिन बाकी दलों की ओर से संभावित दावेदार अपने-अपने तरीके से चुनाव की तैयारियों में लगे थे.
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इस वजह से खाली हुई थी स्वार विधान सभा सीट
दरअसल, 2017 के चुनाव में स्वार टांडा विधानसभा सीट से सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां विधायक चुने गए थे. उन्होंने चार बार से विधायक रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को हराया था. चुनाव के नामांकन के वक्त से ही अब्दुल्ला की उम्र को लेकर विवाद था. हालांकि नामांकन के वक्त इसका कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जा सका. इस वजह से उन्होंने चुनाव लड़ा था और विजयी भी हुए. बाद में नवेद मियां ने इस मुद्दे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी.
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नवेद मियां का आरोप
नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का आरोप था कि चुनाव के लिए नामांकन करते वक्त अब्दुल्ला चुनाव लड़ने की निर्धारित उम्र की शर्त को पूरा नहीं करते थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला के निर्वाचन को रद्द कर दिया था. वहीं, हाई कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा सचिवालय से इस सीट को 16 दिसंबर 2019 से खाली घोषित कर दिया गया था. इसके बाद से ही सीट खाली है.
Source : News Nation Bureau