21 अक्टूबर को देश के कई राज्यों की विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. 64 सीटों पर मतदान होगा. इनमें उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटें भी हैं. कांग्रेस ने लगभग सभी सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने इन सीटों पर बिना किसी गठबंधन के अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. लेकिन इस चुनाव में प्रत्याशियों के लिए प्रियंका गांधी ने प्रचार न करने का फैसला लिया है.
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प्रियंका ने ऐसा क्यों किया है इसकी कोई वजह सीधे तौर पर कांग्रेस ने नहीं बताई है. लेकिन रणनीतिकार कई तरह के कयास लगा रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा और कांग्रेस में गठबंधन था. इस वजह से कई सीटें जो उस समय समाजवादी पार्टी के खाते में थी वहां कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.
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इसी वजह से कांग्रेस के रणनीतिकार प्रियंका गांधी को प्रचार से दूर रहने की सलाह दी है. वहीं इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व उपचुनाव के प्रचार में नहीं उतरता है. यह उपचुनाव स्थानीय मुद्दों पर हो रहा है. इस लिए प्रदेश के नेता ही उपचुनाव में प्रचार करेंगे.
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आपको बता दें कि चुनाव आयोन ने 64 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है. जिनमें से 63 सीटें विधानसभा की और एक सीट लोकसभा की है. लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी को महासचिव बनाकर उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी. प्रियंका ने भी इस जिम्मेदारी को निभाते हुए जमकर प्रचार किया. माना जा रहा था कि उपचुनाव में ही प्रियंका प्रदेश में कांग्रेस को फिर से जिंदा करेंगी. लेकिन उन्होंने प्रचार से मना कर दिया.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो