सीएए (CAA) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने एसआईटी (SIT) जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हर जिले में एडिशनल एसपी स्तर का अधिकारी एसआईटी प्रमुख होगा. जिन जिलों में एएसपी क्राइम का पद नहीं है तो वहां एएसपी सिटी एसआईटी प्रमुख होंगे. साथ ही डीजीपी ने आगे कहा कि बगैर सबूत के किसी भी अभियुक्त की गिरफ्तारी न की जाए.
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पिछले दिनों CAA के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इसे लेकर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन की जांच एसआईटी करेगी. इस मामले में किसी को बख्सा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में दर्ज मुकदमों की एसआईटी जांच होगी. बिना सबूत के किसी भी अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और न किसी निर्दोशों को परेशान किया जाएगा.
वहीं, नागरिक संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वालों की उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूरी जारी साझा की है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि 10 तारीख के बाद से शुरू हुई हिंसा में अबतक प्रदेशभर में आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस पर फायरिंग के आरोप में अब तक 327 एफआईआर हुई है और 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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यूपी पुलिस ने आगे कहा कि सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में राज्य भर में 327 प्राथमिकी दर्ज की गईं. 1113 को गिरफ्तार और 5558 लोगों को हिरासत में लेकर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेशभर में हिंसा में अब तक 19 लोगों की मौत हुई है, 228 पुलिस कर्मचारी घायल हुए हैं. 61 पुलिस कर्मी उपद्रवियों की गोली से घायल हुए हैं.
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