उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को अफरातफरी का माहौल रहा. विशेषकर पुराने लखनऊ के मुस्लिम बहुल इलाकों में तनाव पैदा हो गया. नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया. पुराने लखनऊ के मदेयगंज इलाके में भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पडे़.
प्रदर्शनकारियों ने मदेयगंज पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और सतखंडा चौकी को आग लगा दी. कुछ निजी समाचार चैनलों और चार पहिया वाहनों एवं मीडियाकर्मियों के अन्य वाहनों को निशाना बनाया गया. कई वाहनों को आग के हवाले किया गया, जिनमें रोडवेज की एक बस शामिल है. शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. हसनगंज क्षेत्र में पथराव कर रही भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी.
जिलाधिकारी कार्यालय के निकट परिवर्तन चौक पर भी भीड़ ने जमकर पथराव किया. हजरतगंज सहित आसपास के क्षेत्रों में दुकानें बंद हो गईं. पास के केडी सिंह बाबू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन के दरवाजे बंद कर दिये ताकि परिवर्तन चौक पर और जमावड़ा होने से रोका जा सके. कई प्रदर्शनकारियों ने अपने मुंह को कपडे़ से ढंक रखा था, ताकि सीसीटीवी फुटेज में पहचान से बचा जा सके.
हालांकि, शाम तक हालांकि हालात काबू में आ गए. पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि स्थिति काबू में है और घबराने की कोई बात नहीं है. जिन लोगों ने उपद्रव किया, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है.’’ लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि वीडियोग्राफी के जरिए जो लोग चिन्हित होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिन लोगों ने नुकसान किया है, उसकी भरपायी उन्हीं से करायी जाएगी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो