उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जनपद में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. प्रतापगढ़ के पट्टी दौरे को लेकर सूबे के कैबिनेट मंत्री मोती सिंह (Cabinet Minister Moti Singh) ने अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पट्टी मेरी जन्मभूमि और कर्मभमि भी है. अगर किसी को मेरे खिलाफ नारा लगाने से उसके बदन का खून बढ़ता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
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कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने आगे कहा कि किसी राजनेता को उस सिस्टम पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जो न्याय कर रहा है. कानून को अपना काम करने देना चाहिए. अब तक जितने राजनेताओं ने गोविंदपुर का भ्रमण किया है, उनके कारण प्रशासन का मनोबल टूटा है. किसी को कानून हाथ में लेने वाले की मदद के लिए कोई राजनैतिक बल का प्रयोग हो मैं कत्तई उसका समर्थन नहीं करता हूं, बल्कि मैं निंदा करता हूं.
आपको बता दें कि अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के गढ़ में पहुंची थी और पीड़ितों का हालचाल जाना था. इस दौरान अनुप्रिया पटेल के सामने मोती सिंह के खिलाफ नारे लगे थे. उन्होंने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय का आश्वासन दिया था. बताया जा रहा है कि अनुप्रिया पटेल मोती सिंह के गढ़ में लगाने में जुटी हुई हैं.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व मिर्जापुर सांसद अनुप्रिया पटेल ने प्रतापगढ़ के पट्टी विधानसभा क्षेत्र के गोविंदपुर-परसठ गांव के पिछड़ी जाति के पीड़ितों मुलाकात की. अनुप्रिया पटेल ने पिछले महीने 22 मई को दबंगों के अत्याचार की शिकार पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की और उनका दु:ख-दर्द सुना. पटेल ने पीड़ित परिवारों के जलाए गए घरों व मवेशियों को भी देखा और उन्हें हर हाल में न्याय दिलाने का आश्वासन दिया.
इस दौरान मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस गंभीर मामले में प्रतापगढ़ जैसे संवेदनशील जनपद से वर्तमान पुलिस अधीक्षक को तत्काल स्थानांतरण करने सहित सात प्रमुख मांगें की हैं.
अनुप्रिया पटेल की ये हैं प्रमुख मांगें
- प्रतापगढ़ जैसे संवेदनशील जिला के लिए वर्तमान पुलिस अधीक्षक अनुभवहीन अधिकारी हैं. फलस्वरूप इनके इस पद पर रहते हुए इस प्रकरण में निष्पक्ष कार्यवाही संभव ही नहीं है.
- अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज के निर्देश पर युवा और ईमानदार ट्रेनी आईपीएस (सीओ सोरांव, प्रयागराज) द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और उसके आधार पर इस प्रकरण के मुकदमे में धाराओं को लगाने की कार्रवाई हो.
- मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा निर्देश दिए जाने पर प्रयागराज मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.
- घटना में दोषी सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कर्रवाई हो. विशेष रूप से थाना प्रभारी पट्टी और थाना प्रभारी आसपुर देवसरा के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई हो.
- सभी पक्षों के निर्दोषों को छोड़ा जाए.
- अभी तक इस प्रकरण में सिर्फ एक पक्षीय कार्रवाई हुई है. सभी पक्षों के दोषियों की गिरफ्तारी हो.
- घटना में आगजनी तथा सामान के नुकसान का पीड़ितों को मुआवजा मिले.
Source : News Nation Bureau