उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में 27 साल के एक युवक, उसके माता-पिता, 3 भाई-बहनों और अन्य 3 लोगों के खिलाफ प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल रिलीजियस कन्वर्जन ऑर्डिनेंस की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज किया गया है. राज्य में नया कानून लागू होने के बाद यह दसवां ऐसा मामला सामने आया है. लड़के पर दुष्कर्म और शोषण का मामला भी दर्ज किया है. यह शिकायत 40 साल की महिला ने दर्ज कराई है, जो 20 साल के लड़के और 17 साल की लड़की की मां है. महिला का पति एक महानगर में काम करता है.
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बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ महिला शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराने चौक कोतवाली पुलिस स्टेशन गई. उसने आरोप लगाया कि आरोपी ने खुद का नाम सुनील बताया और उसके साथ दोस्ती की. एक दिन उसने कथित तौर पर बंदूक की नोंक पर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील तस्वीरें लीं. इनके जरिये उसने महिला को ब्लैकमेल किया .
महिला ने कहा, 'बाद में उसने बताया कि वह एक मुस्लिम है. फिर उसने और उसके परिवार ने मुझे निकाह करने के लिए धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया. जब उसने विरोध किया तो मौलवी के निर्देश पर उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया गया. आरोपी ने पैसे लेने के लिए उसे ब्लैकमेल भी किया.' आरोपी के खिलाफ 376, 384, 147, 323, 506 के साथ-साथ गैर-कानूनी रूप से धार्मिक रूपांतरण रोकने के अध्यादेश, 2020 की धारा 3/5 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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एएसपी संजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रारंभिक जांच के बाद हमें पता चला है कि महिला के पिछले 5 साल से आरोपी के साथ संबंध थी. मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, लेकिन अब तक किसी भी सह-आरोपी की अपराध में प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं पाई गई है. हम जांच कर रहे हैं.' एफआईआर दर्ज होने के समय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति के बारे में एसीपी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'बजरंग दल के नेता महिला के साथ थे, लेकिन हमारे ऊपर कोई दबाव नहीं था.'
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