उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए हिंदू नेता कमलेश तिवारी के मर्डर केस में पुलिस ने बिजनौर के दो मौलानाओं के खिलाफ 302 यानी हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. पीड़ित पत्नी ने दोनों मौलानाओं पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया था. तिवारी की पत्नी किरण ने कहा था कि उनके पति की हत्या के पीछे बिजनौर के मौलवी का हाथ है. इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन कर दिया गया है. एसआईटी में लखनऊ आईजी एसके भगत, एसपी क्राइम लखनऊ दिनेश पूरी और एसटीएफ के डिप्टी एसपी पीके मिश्रा शामिल हैं.
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डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि 48 घंटे के अंदर कमलेश तिवारी के हत्यारों को पकड़ लेंगे. लखनऊ से सांसद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर डीजीपी और डीएम से फोन पर बात की और बिना देर किए आरोपियों को पकड़ने के और उचित कार्रवाई करने निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमलेश तिवारी हत्याकांड को लेकर सख्त तेवर अपनाए हैं. उन्होंने इस मामले में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी ओपी सिंह से तत्काल विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
उधर, परिवार की मांग पर कमलेश तिवारी के शव को मर्चरी से नाका स्थित आवास पर दर्शन के लिए लाया गया. यहां से तिवारी के शव को उनके पैतृक निवास सीतापुर स्तिथ महमूदाबाद ले जाया गया है. भारी संख्या में पुलिस बल और लखनऊ पुलिस मौजूद है. महमूदाबाद में हिंदू नेता कमलेश तिवारी का अंतिम संस्कार होगा. उसके बाद कमलेश तिवारी के परिजन सीएम योगी से मुलाकात करेंगे.
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गौरतलब है कि हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को लखनऊ में उनके कार्यालय में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके गले पर चाकू के भी निशान पाए गए. खबरों के मुताबिक, तिवारी से नाका के खुर्शीदबाग स्थित ऑफिस में दो लोग मिलने पहुंचे थे. ये दोनों मिठाई का डिब्बा लिए हुए थे, जिसमें चाकू और बंदूक थी. बताया जा रहा है कि दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की. बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी. इसके बाद उनकी हत्या कर फरार हो गए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो