हाथरस गैंगरेप केस (Hathras Gangrape Case) मामले में यूपी पुलिस और सीबीआई (CBI) आमने-सामने आ गए हैं. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सभी आरोपियों पर पीड़िता के साथ गैंगरेप, हत्या (Murder) और एससी/एसटी (SC-ST) एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं. दूसरी तरफ हाथरस पुलिस की ओर से एक शिकायत के जबाव में पीएमओ को भेजे लेटर में पीड़िता के साथ रेप की घटना से इनकार किया है. इतना ही नहीं यूपी पुलिस ने एफएसएल (FSL) आगरा और जेएन मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ (Aligarh) की रिपोर्ट का हवाला भी दिया है.
दरअसल हाथरस मामले में रामपुर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान ने पीएमओ में हाथरस कांड पर प्रशासन की कार्रवाई को लेकर एक शिकायत की थी. इस मामले में पीएमओ की ओर से हाथरस पुलिस से जबाव मांगा गया था. पुलिस ने पीएमओ को भेज जबाव में कहा कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ था. जबाव में लिखा कि इसकी पुष्टि एफएसएल आगरा और जेएन मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ की रिपोर्ट से भी हो जाती है. पुलिस ने अपना यह जवाब नवंबर में पीएमओ को भेजा है. हालांकि सीधे न जाकर यह जवाब कई स्तर से होता हुआ पीएमओ तक पहुंचा है.
हाथरस मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर गांव की एक दलित लड़की की रेप और हत्या का आरोप लगाया है. इस मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी. वहीं पुलिस और मामले में गठित एसआईटी ने जो जांच की थी उसमें चार आरोपियों में से तीन की घटना के समय की लोकेशन मौका-ए-वारदात पर नहीं मिली थी. कई गवाहों ने इसकी पुष्टि भी की थी.
Source : News Nation Bureau