केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लखनऊ व प्रयागराज में हुए वक्फ घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है. दोनों मामलों में अलग-अलग दर्ज की गई एफआईआर में उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी नामजद किए गए हैं. लखनऊ में हुए घोटाले में वक्फ बोर्ड के दो अन्य अफसरों समेत कुल पांच लोग नामजद किए गए हैं. प्रदेश सरकार ने इन दोनों मामलों की जांच सीबीआई से जांच कराने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी.
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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की तरफ से 11 अक्टूबर 2019 को इस संबंध में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव को पत्र लिखा गया था. पत्र में प्रयागराज जिले के थाना कोतवाली में वर्ष 2016 में दर्ज एफआईआर तथा लखनऊ के हजरतगंज थाने में वर्ष 2017 में दर्ज एफआईआर के अलावा यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा अनियमित रूप से क्रय-विक्रय एवं स्थानान्तरित की गई वक्फ संपत्तियों की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया गया था.
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सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने आईपीसी की धारा 409, 420 व 506 के तहत दर्ज की गई एफआईआर में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी, शिया वक्फ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी गुलाम सैयदन रिजवी व वक्फ इंस्पेक्टर वाकर रजा के अलावा नरेश कृष्ण सोमानी व विजय कृष्ण सोमानी को नामजद किया है. प्रयागराज में हुए वक्फ घोटाले के संबंध में दर्ज एफआईआर में अकेले वसीम रिजवी ही नामजद हैं.