Chandigarh-Dibrugarh Express accident report: गोंडा ट्रेन हादसे की तफ्तीश जारी है.. वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम घटना की जांच कर रही है. बकौल सूत्र, टीम ने ट्रेन के पटरी से उतरने का जिम्मेदार रेल ट्रैक की अनुचित फिटिंग को बताया है. हालांकि पैनल के एक सदस्य ने इस राय से असहमति जताई है. बता दें कि, रिपोर्ट में कहा गया कि, "रेल ट्रैक का फास्टनिंग उचित नहीं था, जिसके कारण फास्टनिंग अप्रभावी रूप से काम कर रही थी."
बता दें कि, उत्तर पूर्वी रेलवे ज़ोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) जिसके अंतर्गत दुर्घटना स्थल आता है, उन्होंने कहा कि, संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना गलत है. उन्होंने कहा कि, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा जांच पहले ही शुरू हो चुकी है, जिसकी पहली सुनवाई शुक्रवार को हुई. ये तकनीकी स्पेसिफिकेशन और सूक्ष्म डिटेल्स के साथ दुर्घटना के हर पहलू की विस्तृत जानकारी देगा. उन्होंने कहा कि, क्योंकि संयुक्त जांच में कई महत्वपूर्ण चीजें सामने नहीं आती हैं, लिहाजा यह बहुत प्रीमैच्योर है.
हादसे में सबसे बड़ा सवाल...
हुआ कुछ ऐसा कि, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को जब ट्रैक खराब होने की खबर मिली, तो उन्होंने कॉशन ऑर्डर जारी कर दिया.. मगर तय नियमों के मुताबिक, जबतक कॉशन की तामील ना हो तबतक इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को ही इस ट्रैक को प्रिजर्व करना होता है, तो आखिर इसमें चूक कैसे बरती गई?
ये है पूरा मामला...
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश में गोंडा के पास मोतीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15904) के पटरी से उतरने से चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
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Source : News Nation Bureau