कोरोना (Corona) जैसी वैश्विक महामारी के समय में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार अपने नागरिकों का ख़्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. मुख्यमंत्री योगी जनता के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. दिव्यांग बच्चे और मुख्यमंत्री के विशेष सचिव स्वयं मरीजों का हालचाल जानकर उनकी समस्याओं का हर संभव निराकरण कर रहे हैं. केवल इतना ही नहीं बल्कि शिकायत मिलने के बाद फॉलोअप भी किया जा रहा है ताकि जानकारी मिल सके कि शिकायत का निराकरण हुआ भी है या नहीं. जनता के प्रति प्रेम और समर्पण का इस से बड़ा उदाहरण शायद ही कोई हो. मरीजों के दिल को छू जाने वाली इस बातचीत से खुश होकर मरीजों ने इस व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद भी कहा है.
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मस्याएं जानी और हल करने का निर्देश दिया
दरअसल मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले अधिकारियों को निर्देशित किया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अस्पतालों में भर्ती मरीजों के हालचाल लिया जाए. इसी आदेश का पालन करते हुए पिछले 2 दिनों के दौरान सीएम हेल्पलाइन (1076) के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के साथ विशेष सचिव, मुख्यमंत्री सुरेन्द्र सिंह ने कई मरीजों से बातचीत कर उनका हालचाल लिया. उनकी समस्याएं जानी और हल करने का निर्देश दिया. वार्ड और शौचालय में साफ - सफाई है, तीन समय का बढ़िया भोजन मिल रहा है, व्यवस्थाओं के लिए धन्यवाद योगी जी.
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टेस्ट करवा कर हमें घर भेज दिया जाए
एएसएमसी बहराइच में भर्ती नम्रता श्रीवास्तव ने बताया कि शुरू में कुछ परेशानियां थीं, लेकिन अब सब ठीक है. इसके लिए सिविल कोर्ट में कार्यरत उनके पति ने मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद भी दिया. वेंकटेश्वर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, गजरौला अमरोहा के तीन मरीजों से विशेष सचिव, मुख्यमंत्री सुरेन्द्र सिंह ने बातचीत की. मरीजों ने उन्हें बताया कि वार्ड और शौचालय की सफाई व्यवस्था अच्छी है. तीन वक्त का बढ़िया खाना भी मिल रहा है. बाकी व्यवस्था भी अच्छी है. उन्होंने निवेदन किया है कि हमारा टेस्ट करवा कर हमें घर भेज दिया जाए.
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मेडिकल कॉलेज में भर्ती नर्स ने बताया, पीपीई किट और मास्क की नहीं है कोई कमी
एएस मेडिकल कॉलेज फ़िरोज़ाबाद में भर्ती एक और मरीज़ नेहा से विशेष सचिव, मुख्यमंत्री ने बात की, जो स्वयं मेडिकल कॉलेज में ही नर्स भी हैं. उन्होंने व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए बताया कि पीपीई किट और मास्क की कोई कमी नहीं है. मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक मरीज़ विश्वजीत ने संतोष जताते हुए कहा कि यहां घर से भी अच्छा और ज़्यादा खाना मिल रहा है, पहले कुछ पंखों में खराबी थी लेकिन अब वो भी ठीक कर दिए गए हैं. आईजीआरएस सेल, मुख्यमंत्री कार्यालय भी लगातार मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रहा है.