उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां कहा कि कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में रूस के साथ सात एमओयू और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश और सुदूर पूर्वी रूस के जबाईकल्सकी क्राई क्षेत्र के मध्य कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के संबंध में एमओयू हस्ताक्षरित किए गए हैं.
उन्होंने बताया, "इसी तरह एकेडेमिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में एमिटी यूनिवर्सिटी तथा रूस की फॉर ईस्ट फेडरल यूनिवर्सिटी के बीच और नेशनल स्किल डेवलपमेंट एंड एक्सपोर्ट एजेंसी के मध्य एमओयू हुआ है. सेंटर फॉर योग स्थापित करने के संबंध में एक समझौता संपन्न हुआ है. कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भारतीय कंपनियों द्वारा रूसी कंपनियों के साथ उद्योग स्थापित करने पर सार्थक चर्चा हुई है."
उन्होंने कहा, "कुछ कंपनियों की इन क्षेत्रों में निवेश तथा निर्यात के संबंध में सहमति बनी है. इसके तहत एलाना सन्स एवं लुलु एओवी एग्रो एक्सपोर्ट द्वारा एमओयू किया गया है."मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, टिम्बर, हेल्थकेयर, हास्पिटल, आयल, गैस और ऊर्जा, मेटल, मिनरल, रेयर अर्थ एवं फिशरीज, कौशल विकास, शिक्षा, मानव संसाधन क्षेत्रों में संभावनाओं को तलाशा जा रहा है.
योगी ने कहा कि "रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में लगभग 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कृषि योग्य भूमि खाली पड़ी है, क्योंकि रूस में मैनपॉवर और तकनीक की कमी है. हमने प्रस्ताव रखा है कि आपके पास जमीन है, हमारे पास मैनपॉवर है. रूस में फूड प्रोसेसिंग की संभावनाओं को भारत आगे बढ़ा सकता है. रूस में भारत की विशेषज्ञता और तकनीक व मैनपॉवर का उपयोग किया जा सकता है."
मुख्यमंत्री ने कहा है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल निर्देशन और मार्गदर्शन में 11 से 13 अगस्त के बीच में भारत के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल को सुदूर पूर्वी रूस स्थित व्लादिवोस्तोक का भ्रमण करने का अवसर प्राप्त हुआ. भारत तथा रूस के बीच वर्ष 2025 तक 30 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार तथा 50 अरब डॉलर के द्विपक्षीय निवेश का लक्ष्य रखा गया है."
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारत के पांच राज्यों के मुख्यमंत्री तीन दिवसीय रूस यात्रा पर गए थे. इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत शामिल थे.
उन्होंने कहा, "सुदूर पूर्वी क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं की तलाश करने वाला भारत के इतिहास का यह सबसे विशाल कारोबारी प्रतिनिधिमंडल था. 190 सदस्यीय इस प्रतिनिधिमंडल में करीब 145 उद्यमी भी शामिल थे. रूस की तरफ से रूसी गणराज्य के उप प्रधानमंत्री यूरी तुर्कनेव, सात रीजन के गवर्नर के साथ करीब 200 उद्यमियों ने भारत-रूस व्यापारिक संबंधों को लेकर विस्तृत चर्चा की है."
Source : आईएनएस