उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को 418 करोड़ का भुगतान कर दिया है. इसके साथ ही अब प्रदेश में ऐतिहासिक रूप से गन्ना किसानों को इस सरकार द्वारा एक लाख करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. इस मौके पर किसानों ने योगी सरकार का धन्यवाद किया. किसानों ने कहा कि SMS, पर्ची व्यवस्था, E Ganna App और टोल फ्री नंबर से किसानों को राहत पहुंची है और इस सरकार ने गन्ना माफिया का सफाया किया है. आज कार्यक्रम में किसानों ने ई-पर्ची व्यवस्था की तारीफ की.
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योगी सरकार ने अब तक 3 वर्षों में 100325 करोड़ों रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान किया है. राज्य सरकार के अनुसार, किसी भी सरकार ने इतना भुगतान अपने 5 साल के कार्यकाल में भी नहीं किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गन्ना किसानों के हितों के संरक्षण को लेकर शुरू से ही प्रतिबद्ध रहे हैं. 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश में 19 चीनी मिलें बंद हुई थी. जबकि 2012 से 2017 तक 10 मिले बंद हुई, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 साल में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मिलों की क्षमता वृद्धि की पुरानी मिलों को चालू कराया और नई मिलों का संचालन किया.
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गन्ना किसानों का अब तक का सर्वाधिक भुगतान समय पर करने का रिकॉर्ड भी सरकार के नाम है. प्रदेश में 48 लाख गन्ना किसान हैं. इनके हितों को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के दौरान भी 119 चीनी मिलें प्रदेश में चलती रही. हर मिल से 25 से 40000 किसान जुड़े हुए हैं. हर मिल 8 से 10000 लोगों को रोजगार देती है. लॉकडाउन के दौरान इन मिलों के चलते रहने से इनकी आजीविका में कहीं कोई दिक्कत नहीं आई. इसका नतीजा है कि समय उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है. मिल और डिस्टलरीज ने प्रतिदिन 500000 लीटर सैनिटाइजर बनाने की क्षमता प्राप्त कर ली है. आज 28 अन्य राज्यों को, दूसरे देशों को भी सैनिटाइजर की आपूर्ति की जा रही है.
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