राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने मंदिर निर्माण और इसमें आने वाली चुनौतियों के बारे में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उनका दावा है कि मानसून की पहली बारिश के बाद ही मंदिर के गर्भगृह और अन्य इलाकों में पानी का रिसाव देखा गया है. दास का दावा है कि जुलाई 2024 में पहली मानसून बारिश के दौरान रिसाव का पता चला था. उन्होंने कहा कि गर्भगृह की छत से पानी टपकता देखा गया था, जहां भगवान राम की मूर्ति रखी गई है.
दास ने कहा कि, "पहली बारिश के दौरान, गर्भगृह की छत जहां राम लला की मूर्ति विराजमान है, टपकने लगी. इसका कारण क्या है इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाना चाहिए.. मंदिर से बारिश के पानी की निकासी का कोई रास्ता नहीं है. अगर बारिश तेज होती है, तो यह प्रार्थना सेवाओं को बाधित कर सकती है."
उन्होंने मंदिर परिसर में निर्माण कार्य की समग्र गति के बारे में भी चिंता व्यक्त की है, जिसमें कहा गया है कि जुलाई 2025 की मूल रूप से निर्धारित समय सीमा तक इसके पूरा होने की संभावना नहीं है.
हालांकि मंदिर निर्माण के लिए जिम्मेदार संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया है. शनिवार रात अयोध्या में हुई भारी बारिश से शहर की कई सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गईं. सबसे ज्यादा प्रभावित सड़कें पुष्पराज चौक से फतेहगंज रोड और पुलिस लाइन गेट सर्कल के पास रिकाबगंज रोड थीं.