केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का लगातार आंदोलन जारी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने रविवार को किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज देश का किसान पीड़ा में है, बहुत दुखी है. 95 दिनों से कड़कती ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर किसान भाई अपने परिवार के साथ धरने पर बैठा हैं. 250 लोग शहीद हो गए, लेकिन सरकार के जूं नहीं रेंग रही. 70 सालों में किसानों को सभी पार्टियों ने धोखा दिया है. किसान 70 साल से सिर्फ फसल का सही दाम मांग रहा है. सभी पार्टियां अपने घोषणा पत्र में सही दाम देने की बात कहती हैं, लेकिन दिया एक नए नहीं. मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फसलों के सही दाम मिलते तो देश का किसान आत्महत्या नहीं करता. सभी पार्टियां चुनाव से पहले किसानों का लोन माफी करने की बात करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कहते हैं कि पैसा नहीं है. चुनाव से पहले कहते हैं कि नौकरियां देंगे, लेकिन किसी ने नहीं दी. अब किसानों के ज़िंदगी मौत की बात आ गई है. अब जो केंद्र सरकार ने कृषि कानून बनाए हैं वो किसानों के डेथ वारंट है.
उन्होंने आगे कहा कि इस कानून के बाद मालिक किसान मजदूर बन जाएगा. 2014 में भाजपा चुनाव लड़ी थी इन्होंने घोषणा पत्र में कहा था कि स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे. भोले भाले किसानों ने वोट दे दिया. सरकार बनने के 3 साल बाद इसी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिखकर दे दिया कि MSP लागू नहीं कर सकते हैं. ये किसान हैं, इतने ज़ुल्म तो किसानों पर अंग्रेज़ों ने भी नहीं किए थे. कीले ठोकने का काम कर रहे हैं. इन्होंने लाल किले का कांड करवाया.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि जिन्होंने झंडे फहराए वो इनके ही लोग थे. लोगों ने किसान नेताओं को बताया कि ये खुद ही रास्ता दे रहे थे कि इस रास्ते से जाओ. किसान का बेटा सरहद पर बैठा है, दूसरा दिल्ली के बॉर्डर पर और जब उसे आतंकवादी कहा जाता है तो सरहद पर बैठे बेटे के दिल पर क्या गुज़रती है. इन्होंने दिल्ली में जेल बनाने के लिए मेरे पास फ़ाइल भेजी, फिर फ़ोन पर फ़ोन किए, लेकिन मैंने जेल नहीं बनने दी. मुझे पता था जेल में डाल देंगे तो आंदोलन टॉय टॉय फिस हो जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि हमने टॉयलेट, वाइफाई की व्यवस्था की है. 28 जनवरी की रात को जो कुछ टीवी पर देखा तो यकीन नहीं हुआ. हमारे देश के महान किसान नेता महेंद्र टिकैत के बेटे राकेश टिकैत पर गुंडे भेजकर भेजकर जो किया उनके आंसू निकल गए. मैंने संजय सिंह को भेजा फिर उनसे मैंने बात की. उन्होंने जो इंतज़ाम करने को कही वो मैंने करवा दी और कहा डटे रहो.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की एक मंडी बता दो, जहां MSP पर धान उठता हो या कोई भी फसल उठती हो तो सुबह शाम झूठ क्यों बोलते हो कि MSP है और रहेगी. जब किसान नेता मिल कर आए तो एक मंत्री ने कहा एमएसपी नहीं दी जा सकती. मैं पढ़ा लिखा हूं आपको बता रहा हूं, इस देश में एक नया पैसा खर्च किए बिना सरकार 23 फसलों को MSP पर उठा सकती है. ये कहते हैं कि 17 लाख करोड़ लगेंगे, किसान ये पैसा फ्री नहीं मांग रहा, बदले में आपको किसान अपनी फसल देगा.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार उस फसल को मार्केट में बेचकर 17 लाख करोड़ पर किसी साल में मुनाफा और कभी नुकसान होगा. 10-15 साल में सब बराबर हो जाएगा और अगर एक लाख करोड़ का नुकसान हो भी गया तो किसानों के परिवार तो खुश हो आएंगे. अगर 8 लाख करोड़ रुपये अमीरों के लिए माफ कर सकते हो तो किसानों को एक लाख नहीं छोड़ सकते हैं. किसानों को एमएसपी क्या गन्ने की फसल का नया पैसा नहीं मिलता. मिल मालिक 18 हज़ार करोड़ रुपये रोक कर बैठे हैं. मैं योगी से पूछना चाहता हूं कि क्या मजबूरी है जो आप इन मालिकों को ठीक नहीं कर सकते?
Source : News Nation Bureau