योगी सरकार 2.0 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सदन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 1 और 1 दो नही, 11 बनकर लोकतंत्र को मजबूत करते हैं. सीएम योगी ने कहा कि जन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमारे जनप्रतिनिधियों पर आम जनमानस ने विश्वास प्रकट किया, हमें उस विश्वास को कभी अविश्वास में नहीं बदलना है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कल एक दिन में ही विधानसभा के 343 सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया, ये हमें लोकतंत्र का सकरात्मक पक्ष ही दिखाता है. सीएम योगी ने कहा कि अब युवाओं, आधी आबादी, किसानों, मजदूरों, दबे-कुचले लोगों के लिए सोचना है, उनकी आवाज को आगे बढ़ाना है.
सतीश महाना जी को बधाई, आपके नाम में ही महान शब्द
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा अध्यक्ष चुने गए सतीश महाना (Satish Mahana) को बधाई भी दी. उन्होंने कहा, 'सतीश महाना जी को बधाई, आपके नाम में ही महान लगा हुआ है, ये हमारे लिए गौरव का पल है. सीएम योगी ने कहा कि लोकतंत्र के दो पहिये, एक सत्ता पक्ष तो दूसरा विपक्ष है. ये दोनों मिलकर 25 करोड़ की आबादी के लिए कार्य करेंगे. हमने चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप, आक्षेप सभी दलों ने किया, लेकिन हमने देखा कि जनता कभी नकारात्मक पक्ष को स्वीकार नहीं करती. जनता ने हमेशा सकारात्मक पक्ष को ही समर्थन दिया है. नकारात्मकता कभी लोकतंत्र को हितकर नहीं कर सकता है. भारत उत्तर प्रदेश से एक सकारात्मक अपेक्षा करता है.'
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने तय किया 100 दिन का एजेंडा
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बीजेपी की ओर से विधानसभा चुनावों को लेकर जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है. योगी सरकार अब बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां और रोजगार के अवसर मुहैया कराने पर फोकस कर रही है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन का एजेंडा तय कर लिया है. सीएम योगी ने इस दौरान करीब 20 हजार खाली सरकारी पदों को भरने और राज्य के 50 हजार से अधिक बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराना है. योगी सरकार ने लोगों से किए वादों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के मकसद से सभी सरकारी विभागों को अपने यहां खाली पदों की पूरी लिस्ट बनाकर उनके सामने रखने का निर्देश दिया है, जिससे कि जल्द ही इन सरकारी पदों पर बहाली निकाली जा सके. इसके साथ ही उन्होंने राज्य में अगले पांच वर्षों के दौरान करीब 5 करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने का भी लक्ष्य रखा है. मुख्यमंत्री के मुताबिक वह खुद इस लक्ष्य को पूरा करने पर लगातार नजर रखेंगे.
सरकारी नौकरियां और रोजगार के बंपर मौके
यहां गौर करने वाली बात यह है कि राज्य में पिछली बीजेपी सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान एमएसएमई और ओडीओपी जैसी स्कीमों के जरिये प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से करीब ढाई लोगों को रोजगार के अवसर मिले. सीएम योगी आदित्यनाथ का अगला लक्ष्य अब इस संख्या को दोगुना करने का है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें. इसके लिए जिला एवं डिविजन के स्तर पर भी स्टार्टअप्स स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, जिससे कि युवाओं को अधिक रोजगार मिल सके. मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारियों से यह बात भी साफ कर दी है कि यह पूरी चयन प्रकिया बीते पांच वर्षों की तरह ही बिल्कुल निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए. नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता के उच्च मानक स्थापित करने को लेकर उनकी सरकार की तारीफ भी होती है. योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान यूपी में 5 लाख सरकारी नौकरियां दीं. कोविड-19 महामारी के दौरान भी योगी का ‘मिशन रोजगार’ थमा नहीं और यह प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से निरंतर चलता रहा, जिसमें केवर मेरिट के आधार पर भर्तियां की गईं.
HIGHLIGHTS
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा को किया संबोधित
- 100 दिनों के काम का एजेंडा भी तय
- विधानसभा अध्यक्ष चुने गए सतीश महाना