CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया गया है. नशे के कारोबारियों की संपत्तियां जब्त किए जाने के साथ ही उनके पोस्टर सार्वजनिक स्थानों चौराहों पर चस्पा करने का निर्देश जारी किया गया है. नशीले पदार्थों की कमाई से जुटाई गई संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलेगा. एएनटीएफ प्रदेश की सीमाओं पर गोवंश की तस्करी पर भी शिकंजा कसेगा. इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने युवाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सभी शिक्षण संस्थाओं के पास लगने वाली तंबाकू व पुड़िया बेचने वाली सभी दुकानों को हटाने का दिशा निर्देश भी जारी किया है और साथ ही सभी स्कूलों में छात्रों को तंबाकू के खिलाफ जागरूक किया जाएगा, जिसमें उन्हें तंबाकू व अन्य नशीली सामग्री के सेवन से होने वाले शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव के विषय में जानकारी दी जाएगी.
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एएनटीएफ का कार्यक्षेत्र
एएनटीएफ को पूरे प्रदेश में तीन क्षेत्रों पश्चिम, मध्य व पूर्व में बांटा गया है. हर क्षेत्र के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक होंगे. एएनटीएफ फ़ोर्स ने मादक पदार्थों और अवैध शराब की मांग को कम करने के लिए संबिधत एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर काम करना आरम्भ कर दिया है. मादक पदार्थों का सेवन कम करने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा. इस अभियान में प्रथम चरण में 250 तेज तर्रार अफसरों को लगाया गया है. यह फोर्स पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी. पड़ोसी राज्यों की सीमा से जुड़े जिलों की पुलिस की भी सक्रियता बढ़ाई जाएगी. फोर्स को पहली बार मादक पदार्थों व अवैध शराब के जब्तीकरण, एफआईआर पंजीकरण व विवेचना की शक्तियां प्राप्त होंगी.
सात दिन में 1600 मुकदमे, 35 करोड़ की संपत्ति जब्त
पुलिस ने एक सप्ताह तक चले अभियान में 1649 मुकदमों में 1773 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है और 2080 आरोपियों को चिह्नित किया है. साथ ही 26 करोड़ 71 लाख 22 हजार 355 रुपए की अवैध शराब, ड्रग्स और मादक पदार्थ बरामद किया गया है. गैंगेस्टर एक्ट में 261 आरोपियों के खिलाफ 82 मुकदमों में 34 करोड़ 77 लाख 14 हजार 176 रुपये की सम्पत्ति जब्त की गई है. इसके अलावा कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर 166 मामलों में सजा कराई है.
शराब के अवैध कारोबारियों पर साढ़े सात हजार मुकदमे
पुलिस ने अवैध शराब और जहरीली शराब में 7495 मुकदमों में 7714 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है. साथ ही 8416 आरोपियों को चिह्नित किया है. इस दौरान पांच करोड़ 63 लाख 54 हजार 450 रुपये की अवैध और जहरीली शराब बरामद की गई है. गैंगेस्टर एक्ट के तहत 73 मुकदमों में 218 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और 15 करोड़ 74 लाख 25 हजार आठ रुपये की सम्पत्ति जब्त की गई है. इसके अलावा आबकारी अधिनियम के तहत 387 आरोपियों के खिलाफ करते हुए कोर्ट में पैरवी कर 76 मामलों में सजा कराई गई है.
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ANTF में तैनाती, 6 PPS के तबादले
2 सितंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस में 6 पीपीएस अधिकारियों के तबादले किए गए, सभी अधिकारियों को नवगठित 'एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स' (ANTF) में तैनाती.
निष्ठा उपाध्याय- पुलिस उपाधीक्षक ANTF गोरखपुर
शैलेन्द्र सिंह परिहार- पुलिस उपाधीक्षक ANTF मेरठ
राजकुमार त्रिपाठी- पुलिस उपाधीक्षक-ANTF वाराणसी
इरफान नासिर खान- पुलिस उपाधीक्षक-ANTF आगरा
राजवीर सिंह गौर- पुलिस उपाधीक्षक,ANTF मुख्यालय, लखनऊ
अमर बहादुर- पुलिस उपाधीक्षक,ANTF,मुख्यालय, लखनऊ
उड़ता पंजाब के युवाओं की हालत
चंडीगढ़ स्थित द पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) की स्टडी में खुलासा हुआ है कि पंजाब में हर 7वां व्यक्ति एक या अन्य तरह के ड्रग्स का सेवन कर रहा है. इस लिहाज से यह राज्य की आबादी का 15.4 फीसदी है. बीते 5 सालों में पंजाब में 30 लाख से ज्यादा लोग ड्रग के आदी बने. राज्य में 20 लाख से ज्यादा लोग शराब का सेवन करते हैं. 15 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. 17 लाख लोग नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं. HIV उच्च प्रसार (19.5 फीसदी) के साथ इंजेक्शन के जरिए ड्रग्स लेने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. पंजाब में ड्रग्स के आदी लोगों में से 76 फीसदी 18 से 35 की उम्र के युवा है. ड्रग्स का सेवन करने वाले 89 फीसदी पढ़े लिखे हैं.
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में ड्रग्स का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 2,32,856 है. सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि सर्वाधिक 53 फीसदी लोग हेरोइन और चिट्टे का नशा करते हैं. हेरोइन और चिट्टे का नशा करने के लिए औसतन एक युवक को 1400 रुपये प्रतिदिन की आवश्यकता है. इस हिसाब से पंजाब में नशे की गिरफ्त में फंसे युवक एक दिन में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च करता है. साल में यह राशि 6300 करोड़ रुपए के करीब बनती है.
हिमाचल का हाल भी पंजाब जैसा
- एनडीपीएस एक्ट के तहत वर्ष 2014 में 644 मामले सामने आए थे
- फिर वर्ष 2015 में ये आंकड़ा थोड़ा कम हुआ, और उस साल 622 मामले आए
- 2016 में उछाल आया और पुलिस ने 929 मामले दर्ज किए
- वर्ष 2017 में ये आंकड़ा 1010 हो गया और 2018 में 1342 मामलों तक पहुंच गया
- वर्ष 2019 में ये आंकड़ा 1400 से अधिक हो गया था
- वर्ष 2020 में ये मामले 1377 थे, फिर ये 2021 में बढ़कर 1392 हुए
- इस साल यानी 2022 में अब तक साढ़े आठ सौ से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं
HIGHLIGHTS
- नशे के साम्राज्य पर योगी की तैयारी
- यूपी में नशा माफियाओं के विरुद्ध 'योगी का युद्ध' तेज
- यूपी में न होगा नशा,न बनेगा 'उड़ता पंजाब'
- UP की सीमाओं पर बढ़ेगी चौकसी