उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ऐलान किया है कि अब सिख गुरुओं का इतिहास स्कूलों में भी पढ़ाया जाएगा. सीएम ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों का बलिदान स्कूल के पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां उनसे से प्रेरणा लें. योगी ने कहा, 'तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश से सरहिन्द के नवाब वज़ीर खान ने छोटे साहिबजादे अर्थात साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को इस्लाम स्वीकार न करने और अपने धर्म पर दृढ़ रहने की सजा के फलस्वरूप उन्हें जीवित ही दीवार में चुनवा दिया था.'
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योगी ने ये भी घोषणा किया कि अब हर साल 27 दिसम्बर प्रदेश के सभी स्कूलों में साहिबज़ादा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस अवसर पर स्कूलों में सिख गुरुओं की शहादत पर केन्द्रित वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह के चारों सुपुत्रों-साहिबज़ादा अजीत सिंह, साहिबज़ादा जुझार सिंह, साहिबज़ादा ज़ोरावर सिंह और साहिबज़ादा फतेह सिंह को सामूहिक रूप से साहिबज़ादा के तौर पर सम्बोधित किया जाता है. गुरु गोबिन्द सिंह ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने पुत्रों को समर्पित करते हुए दुःखी न होकर पूरे उत्साह के साथ कहा था- 'चार नहीं तो क्या हुआ, जीवित कई हजार'.
मुख्यमंत्री ने कहा, खालसा पंथ ने हिंदू धर्म और देश की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी जानकारी आने वाली पीढ़ियों को दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के चार बेटों की कुर्बानियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा होंगी, क्योंकि उन्होंने हिंदुओं और देश की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दिया. सीएम ने कहा कि बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदानों को सभी को जानना चाहिए.
(एजेंसी इनपुट केसाथ)
Source : News Nation Bureau