लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक बैठक के दौरान अपने मंत्रियों को खास सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों को "वीआईपी संस्कृति" नहीं अपनानी चाहिए. उन्होंने कहा,'हम सभी को और सतर्क रहना होगा, ताकि हमारी कोई भी गतिविधि वीआईपी संस्कृति को प्रतिबिंबित न करे.' योगी ने अपने मंत्रियों को 'संवाद, समन्वय, संवेदनाशीलता' का मंत्र देते हुए कहा कि भाजपा नेता नियमित रूप से लोगों के बीच जाने और रहने की कोशिश करें. सरकार लोगों के लिए है और सार्वजनिक हित हमारे लिए हमेशा से सर्वोपरि रहे हैं. समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की समस्याओं, अपेक्षाओं और जरूरतों का समाधान होना चाहिए.
ये भी पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष बनने के प्रस्ताव पर राहुल गांधी की आई पहली प्रतिक्रिया, 'मुझे सोचने के लिए कुछ समय दीजिए'
एनडीए सरकार को बधाई दी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "जनसुनवाई' को प्राथमिकता देना,आम आदमी की संतुष्टि और राज्य की प्रगति, यूपी सरकार के सभी लोक कल्याण प्रयासों के मूल में है." सीएम ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में केंद्र में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बधाई दी.
ये भी पढ़ें: TMC संसदीय दल की अध्यक्ष चुनी गईं ममता, पार्टी नेता होंगे सुदीप बंद्योपाध्याय
व्यापक रूप से हो प्रचार
हालांकि, भाजपा ने उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन किया है. इस राज्य में सबसे अधिक लोकसभा सीटें हैं. यहां पर 80 सीटें हैं. मगर, यहां पर पार्टी ने केवल 33 सीटें हासिल की हैं. भाजपा को 2014 में 71 और 2019 में 62 सीटें मिली हैं. दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ने 43 (37+6) सीटें जीतीं. इस बीच, सीएम आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों से केंद्र और राज्य सरकारों की उपलब्धियों का "व्यापक रूप से प्रचार" करने, सोशल मीडिया पर अपनी सक्रिय भागीदारी बढ़ाने और जनता की नीतियों, निर्णयों के सकारात्मक परिणामों से अवगत कराने को कहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'जिस तरह से पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश में विकास ने गति पकड़ी है, आने वाले पांच वर्षों में हमारी सरकार कई नए रिकॉर्ड बनाने में सफल होगी.'
Source : News Nation Bureau