मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बुंदेलखंड, विंध्याचल, इंसेलाइटिस प्रभावित क्षेत्रों और आर्सेनिक व फ्लोराइड प्रभावित इलाकों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना की शुरूआत करेंगे. पीएम मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में चलाए जा रहे अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी ने चार चरणों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने का बीड़ा उठाया. सर्फेस वाटर और अंडरग्राउंट वाटर के माध्यम से घर-घर तक पेय जल पहुंचाया जाएगा. 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्याचल में अगले 2 साल के भीतर हर घर तक पीने का पानी पहुंचेगा. सीएम योगी ने जल शक्ति मंत्रालय की महत्वपूर्ण बैठक कर रणनीति बनाई है. जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. जो कार्यदायी संस्था काम करेगी उसी की अगले 10 सालों तक रखरखाव की जिम्मेदारी होगी. दूसरे चरण में सोनभद्र और मिर्जापुर में हर घर तक पानी पहुंचाया जाएगा. तीसरे चरण में जापानी बुखार और इंसेफलाइटिस से प्रभावित क्षेत्रों में योजना पूरी होगी. चौथे चरण में आर्सेनिक व फ्लोराइड से प्रभावित गंगा यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में पेयजल योजना पहुंचेगी.
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया बड़ा चिकित्सकीय जांच अभियान चलाने का निर्देश, 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो
लगभग एक लाख से अधिक टीम गठित की जाएं
कार्य किया जाए और इसके लिए टीमों की संख्या में वृद्धि करते हुए लगभग एक लाख से अधिक टीम गठित की जाएं. मुख्यमंत्री यहां लोक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे . उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में प्रत्येक सप्ताह टीम द्वारा निर्धारित क्षेत्रों में जांच की जाए और जांच टीम को पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सेनेटाइजर आदि अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाए . कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के कार्य को तेज किए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों द्वारा कोविड हेल्प डेस्क का निरीक्षण किया जाए.
यह भी पढ़ें- चीन को उसके दुस्साहस का जवाब देना चाहिए, राष्ट्र न्याय मांग रहा है: कांग्रेस
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में विशेष सचिव स्तर के एक अधिकारी की तैनाती के निर्देश दिए
इसी प्रकार अपर मुख्य सचिव गृह तथा पुलिस महानिदेशक, पुलिस विभाग के विभिन्न संस्थानों में स्थापित कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें . उन्होंने जांच क्षमता को बढ़ाकर 25 हजार जांच प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए और कहा कि इस सम्बन्ध में वैकल्पिक जांच व्यवस्था के तहत एन्टीजीन टेस्ट आदि को आवश्यकतानुसार अपनाए जाने पर विचार किया जाए . मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में विशेष सचिव स्तर के एक अधिकारी की तैनाती के निर्देश दिए हैं . उन्होंने कहा कि यह अधिकारी जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ समन्वय कर कोविड एवं गैर कोविड चिकित्सालयों, एम्बुलेंस सेवा, सर्विलांस की कार्रवाई सहित सम्पूर्ण चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने में सहयोग करेंगे .