CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव में जबरदस्त जीत के बाद हर तरफ योगी-योगी हो रहा है. ना सिर्फ बीजेपी में बल्कि अन्य पार्टियों के बीच भी योगी की सियासी धाक बढ़ चुकी है. दरअसल, 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन यूपी में काफी निराशाजनक रहा था और सपा प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई थी. जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष में जोश नजर आ रहा था तो वहीं उपचुनाव के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. 23 नवंबर को चुनाव के नतीजों के सामने आते ही जैसे ही सीएम योगी बीजेपी कार्यालय पहुंचे, हर तरफ योगी-योगी के नारे लगने लगे.
यूपी उपचुनाव के बाद योगी-योगी
लोकसभा के नतीजों के बाद बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए थे. हालांकि पार्टी नेताओं ने खुलकर कभी योगी के खिलाफ कुछ नहीं बोला. जिसके बाद दिल्ली में बैठी सरकार ने उपचुनाव की सारी बागडोर सीएम योगी के हाथों में सौंप दिया. अगर इस उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ता तो इसके जवाबदेही भी सीएम योगी की होती. इसलिए शानदार जीत के लिए सीएम योगी ही सराहना बटोर रहे हैं.
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योगी ने दिखाया अपना दम
योगी पिछले 2-3 महीने से लगातार प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारी में जुटे हुए थे. इसके लिए उन्होंने 30 नेताओं को जमीनी स्तर पर भी उतारा था और 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की लगातार समीक्षा बैठक करते नजर आए. यहीं वजह है कि बीजेपी ने उन जगहों पर भी जीत हासिल की, जिसे सपा का गढ़ कहा जाता था.
सपा के गढ़ में दी मात
सीएम योगी के नेतृत्व में बीजेपी ने करीब तीन दशक बाद कटेहरी सीट पर जीत हासिल की. इसके अलावा कुंदरकी सीट पर भी बीजेपी ने जीत का परचम लहराया. 9 में से सात सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया, जिसमें से 6 पर बीजेपी और 1 सीट पर सहयोगी दल आरएलडी ने जीत दर्ज की.
2027 में योगी के नेतृत्व में चुनाव
वहीं, सिर्फ दो सीट सीसामऊ और करहल में सपा को जीत मिली. यूपी उपचुनाव के बाद एक बार फिर प्रदेश में योगी जादू देखा गया और इसी जोश के साथ पार्टी के कार्यकर्ता 2027 यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटते नजर आ रहे हैं. इस जीत के बाद एक बार फिर से यह स्पष्ट हो गया है कि 2027 में बीजेपी सीएम योगी के नेतृत्व में ही चुनावी मैदान में उतरेंगे.