समाजवादी पार्टी (सपा) ने आखिरकार अपने वरिष्ठ सांसद मोहम्मद आजम खान के साथ खड़ा होने का फैसला किया है. आजम खान अपने खिलाफ कई आरोपों का सामना कर रहे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों व विधान परिषद सदस्यों की एक जांच समिति नियुक्त की है, जो रामपुर के सांसद के खिलाफ आरोपों की जांच करेगी. इन आरोपों को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने 'फर्जी मामले' बताया है.
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सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने एक बयान में कहा कि 22 सदस्यीय समिति विधान परिषद में विपक्ष के नेता अहमद हसन की अगुवाई में 20 जुलाई को जांच करने रामपुर पहुंचेगी. यह समिति आजम खान के खिलाफ किसानों की जमीन पर हाल में अतिक्रमण के मामलों की जांच करेगी. समिति को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है.
26 किसानों द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, खान ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर के तौर पर जबरन किसानों की जमीन अखिलेश यादव के शासन काल में कब्जा कर ली. रामपुर जिला प्रशासन ने पूर्व मंत्री के खिलाफ दो दर्जन के करीब मामले दर्ज किए हैं.
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योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार भू-माफिया विरोधी पोर्टल पर आजम खान को भू-माफिया के तौर पर सूचीबद्ध करने पर विचार कर रही है. साल 2017 में सत्ता संभालने के बाद आदित्यनाथ ने यह पोर्टल बनाया है, जिससे भू माफिया की पहचान हो सके. इस बीच राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने जौहर विश्वविद्यालय द्वारा रामपुर में कोसी नदी के बाढ़ क्षेत्र में अवैध निर्माण के आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की है.
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