उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा आरम्भ किये गए “मिशन शक्ति” पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने नए साल के पहले हफ्ते में हुए कुछ महिला अपराधों के बारे में बात की. ललन कुमार कहते हैं कि उत्तर प्रदेश अब अपराध प्रदेश बन गया है, यहाँ अपराधी बेख़ौफ़ हैं, महिलाओं के प्रति अपराध लगातार बढ़ रहे हैं. भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री ने महिला सुरक्षा के लिए “मिशन शक्ति” की शुरुआत नवरात्रि के प्रथम दिवस 25 अक्टूबर को गाजे-बाजे और लच्छेदार भाषणों के साथ की थी. उस मिशन के पीआर पर जमकर सरकारी पैसों का दुरूपयोग हो रहा है मगर परिणाम शून्य है.
योगी के एक-एक डायलाग को अखबारों ने हैडलाइन बनाया. हालांकि ऐसा होना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है. उनके आदेशों की अखबारों में हैडलाइन बनती है मगर उन पर कभी उचित कार्यवाही नहीं होती. कभी-कभी ऐसा लगता है कि योगी जी अखबारों को हैडलाइन देने के लिए ही मुख्यमंत्री बने हैं. महिला सुरक्षा या कानून व्यवस्था से उनका कोई सरोकार ही न हो जैसे. बीते 4 वर्षों में महिलाओं के प्रति अपराध में लगातार वृद्धि हुई जय और इस वर्ष के शुरूआती 8 दिनों में होने वाले महिला अपराधों की संख्या चौंकाने वाली है. उससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली है इन सभी मामलों में पुलिस की लापरवाही और योगी सरकार की कानून व्यवस्था.
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बदायूँ-हाल ही में बदायूँ के एक मंदिर में पूजा करने गयी एक महिला को वहीँ के पुजारी और उनके चेलों ने मिलकर अपनी हवस का शिकार बना लिया. उसके बाद महिला की ह्त्या कर रात 12 बजे अर्धनग्न अवस्था में घर के बाहर फेंककर कह गए कि वह कुँए में गिर कर मर गयी. परिजनों ने थाने में जब शिकायत की तो एसएचओ ने एफ़आईआर लिखने से इनकार कर दिया और थाने के चक्कर कटवाए. शिकायत के बाद भी पुलिस पूछताछ के लिए नहीं पहुँची. हत्या के 44 घंटे बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम में जो बातें सामने आईं उन्हें जानकार आपके पैरों तले ज़मीन खिसक जाएगी.
सामूहिक बलात्कार करने के बाद महिला के गुप्तांग में रॉड डाल दी गयी. जिससे महिला का आतंरिक हिस्सा फट गया. एक पैर और पसलियाँ भी तोड़ दीं. उसके बाद उन हैवानों ने महिला को घर के बाहर फेंक दिया. योगी सरकार नें हाथरस मामले से कोई शिक्षा नहीं ली. उस केस की तरह इसे भी उलझाने और ख़त्म कर देने का पुलिस का षड्यंत्र नाकामयाब रहा. न जाने क्यों हर बार पुलिस अपराधियों को बचाने लगती है.
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मेरठ-मेरठ के इंचौली क्षेत्र में एक किशोरी से दुष्कर्म की वारदात को अंजाम तब दिया गया जब किशोरी के माता-पिता मजदूरी के लिए बाहर गए हुए थे. पड़ोस के ही एक युवक ने ट्रेक्टर में ज़ोर से गाना बजाकर किशोरी से दुष्कर्म किया. आवाज़ तेज़ होने के कारण चीखें सुनाई नही दीं. जब युवती अपने पिता के साथ थाने शिकायत करने पहुँची तो पुलिस ने उन्हें भगा दिया. पूरे समय वह इसे एक मामूली छेड़छाड़ ही कहती रही. इस केस में भी योगी जी की पुलिस ने मामले को दबाने का प्रयास किया.
इन दो वारदातों के अलावा पूरे प्रदेश से दुष्कर्म और ह्त्या की वारदातें सामने आ रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में ही इस प्रकार के मामले आम हैं. हाल ही में गोरखपुर में एक युवती का बोरी में भरा एक शव मिला है. इसके अलावा बदायूँ, देवरिया, मिर्ज़ापुर, झाँसी, हरदोई, बक्शी का तालाब, आगरा, सोनभद्र एवं पीलीभीत जैसे जनपदों से महिला दुष्कर्म की वारदातें सामने आई हैं.
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इन सभी बातों को जानते हुए जब कोई योगी जी से महिला सुरक्षा एवं मिशन शक्ति से जुड़े दावे जो भी सुनेगा उनको गुस्सा आएगा. वह गुस्सा होगा एक ऐसी सरकार के प्रति जिसने प्रदेश और महिला के हित में कोई अच्छा काम नहीं किया. मगर इस सरकार के मुख्यमंत्री बड़ी बेशर्मी से सोशल मीडिया के ज़रिये इन मुद्दों पर झूठ परोसते हैं. उनकी वन लाइनर को अखबार की हेडलाइंस में जगह मिलती है. उत्तर प्रदेश का मिशन शक्ति एक प्रचार सामग्री के सिवाय कुछ नहीं. वो सिर्फ फ़र्ज़ी ब्रांडिंग में मस्त हैं. जबकि ज़मीनी हकीक़त कुछ और है. ऐसी निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकना ही इन समस्याओं का समाधान है. आने वाले 2022 में यहाँ की जनता इस सरकार को जवाब देगी.
Source : News Nation Bureau