Advertisment

वामदेव पर्वत पर बनी मजार और मस्जिद पर गहराया विवाद, VHP ने ध्वस्त कराए जाने की मांग की

विश्व हिंदू परिषद ने मुख्यमंत्री समेत सभी प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत के रूप में पत्र भेजा है. आरोप है कि कुछ कट्टरपंथियों ने कोरोना काल के वक्त चुपके से मस्जिद का निर्माण कराया. 

author-image
Mohit Saxena
New Update
vamdev masjid

masjid (social media)

Advertisment

यूपी के बांदा में एक मजार प्रांगण में बनी मस्जिद विवाद का केंद्र बिंदु बन गई है. वामदेव पर्वत के पीछे बनी मजार और मस्जिद को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने मुख्यमंत्री समेत सभी प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है. इसमें मजार और मस्जिद को अवैध बताते हुए ध्वस्त कराए जाने की मांग की. विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि हिंदू धार्मिक आस्था के केंद्र वाम देवेश्वर मंदिर और पर्वत के नजदीक कुछ कट्टरपंथियों ने कोरोना काल के दौरान चुपके से मस्जिद का निर्माण किया है. यह पूरी तरह से अवैध है और उसको तुरंत गिराया जाना चाहिए. वहीं इस मामले में जिला प्रशासन की तरफ से एक बार फिर जांच करके आवश्यक कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है.

मस्जिद का यह विवाद बांदा नगर कोतवाली क्षेत्र के वामदेवेश्वर पर्वत के पिछले क्षेत्र से सामने आया है. यहां विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष चंद्र मोहन बेदी ने मुख्यमंत्री समेत जिलाधिकारी को दिए शिकायती   पत्र में मस्जिद और मजार को अवैध बताते हुए बुलडोजर से ध्वस्त किए जाने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि कोरोना काल के दौरान अवैध तरीके से मुस्लिम पक्ष के लोगों ने पहले मजार का निर्माण कराया और उसके बाद मस्जिद का निर्माण कर दिया और वहां पर शुक्रवार को फतिहा और नमाज पढ़ी जा रही है.

मजार बनाकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया

उनका कहना है कि यह पूरा क्षेत्र हिंदू धार्मिक आस्था का केंद्र है और यहां पर अवैध तरीके से मस्जिद और मजार बनाकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है. मजार और मस्जिद के ठीक बगल में मकान बनवा रही सुनिया के मुताबिक कोरोना काल के पहले यहां पर मजार के पास भवन बनाया गया है. सुनिया बताती हैं कि यह जमीन पहले उनकी थी कुछ लोगों ने मजार का हिस्सा बताकर उनसे छुड़वा ली. यहां पर मजार के ऊपर निर्माण कर लिया गया है. आपको बता दें कि बांदा में स्थित वामदेव पर्वत पर भगवान शिव का अति प्राचीन मंदिर है और त्रेता युग में महर्षि बामदेव ने इसी पर्वत  में आकर तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव शिवलिंग के रूप में स्वयं एक सकरी गुफा में प्रकट हुए थे. 

अपने वनवास के दौरान भगवान राम भी इस पर्वत में आए थे और महर्षि वामदेव से मुलाकात की थी और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था. इस पर्वत में वह तमाम पत्थर आज भी मौजूद हैं जिनमें भगवान  राम के चरण पड़े थे. मंदिर के पुजारी पुत्तन तिवारी बताते हैं कि इस पर्वत के चारों तरफ लोगों ने सैकड़ो की तादाद में अवैध निर्माण कर रखा है और उसी में यह मजार और मस्जिद बाद में बनाई गई. इसकी शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है. 

निर्माण अवैध हुआ उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

दरअसल यह विवाद सन 2022 में शुरू हुआ था. वहीं हिंदू संगठनों ने जिला प्रशासन को इस स्थान पर मजार और अवैध मस्जिद की शिकायत की थी. इस पर जिला प्रशासन ने जांच भी कराई थी और जांच करने के बाद तहसीलदार ने अपनी आख्या में मस्जिद और मजार काफी पुरानी होने और उसमें लाउडस्पीकर ना लगा होने का उल्लेख अपनी जांच आख्या में किया था. इसके आधार पर उपजिला अधिकारी ने अपनी आख्या जिला प्रशासन को प्रस्तुत की थी. उसके बाद अब एक बार फिर विश्व हिंदू परिषद ने इस मुद्दे को उठाकर माहौल में गर्मी पैदा कर दी है. इस मामले में एडीएम बांदा का कहना है कि शिकायती पत्र दिया गया है, जिसको लेकर जांच कराई जा रही है. यदि जांच में निर्माण अवैध पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

newsnation newsnation news VHP Newsnationlatestnews VHP Leader VHP Chief VHP Claims
Advertisment
Advertisment
Advertisment