कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से उत्तर प्रदेश में स्थिति भयावह बनी हुई है. पिछली साल कोरोना संक्रमण से दूर रहने वाले उत्तर प्रदेश के गांवों में अब इस साल संक्रमण अपनी पैठ बना रहा है. शहरी क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद वायरस ने ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तक दे दी है. कोरोना संक्रमण का कहर लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के कारण ग्रामीण इलाकों में भी मरीजों की संख्या बढ रही है. कानपुर के सबसे बड़ा गांव परास संक्रमण का केंद्र बन चुका है. पिछले 20 दिन में गांव में 40 से अधिक ग्रामीणों की मौत हो चुकी है.
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इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर ग्रामीण
गांव वालों के मुताबिक, मरने वालों में कोरोना के लक्षण थे और इलाज ना मिलने के कारण उनकी मौत हुई. साथ ही ग्रामीणों का मानना है कि संक्रमण फैलने का सबसे बड़ा कारण पंचायत चुनाव था. हालांकि इस परास गांव में इलाज को लेकर हालात क्या हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गांव में मौजूद एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका रहता है. ये आलम पिछले 2 सालों से है और इलाज के लिए दर-दर भटकते हैं.
इलाज के अभाव में पलायन
न्यूज नेशन की टीम पर परास गांव पहुंची तो पाया कि मौत के बाद इतनी दहशत है कि लोग पलायन परिवार संग पलायन कर रहे हैं. गांव में एक दर्जन से अधिक लोग अपने घरों में ताला डालकर गांव छोड़कर करीबी रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं. क्योंकि उन्हें बीमार होने पर गांव में इलाज ना मिलने का डर है.
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गांवों में हो रही कोरोना टेस्टिंग
हालांकि आपको बता दें कि गांवों में कोरोना के हमले के पूरे प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर जांच कर रही है तो इससे मरीज सामने में आ रहे हैं. यहां सीएचसी टीम के अलावा आशा वर्कर भी एंटीजन टेस्ट कर रही हैं. प्रदेश भर में 5 मई से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांवों को संक्रमण से बचाने के लिए टेस्टिंग का अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद प्रदेश के सभी गांवों स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाकर लक्षणयुक्त लोगों की जांच कर रही है और उन्हें मेडिकल किट मुहैया कराई जा रही है.
HIGHLIGHTS
- कानपुर के परास गांव में कोरोना का कहर
- 20 दिनों में 40 से अधिक लोगों की मौतें
- इलाज के अभाव में पलायन कर रहे हैं लोग