कोरोना के दूसरी लहर से निपटने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार तीसरी लहर को रोकने की तैयारी में जुट गयी है. इसके लिए न केवल अस्पतालों में बेड बढ़ाए जा रहे हैं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा घर-घर निगरानी समिति भेजकर जांच कराई जा रही है. इसकी का नतीजा है कि दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पाने के बाद तीसरी लहर से निपटने के लिए यूपी पूरी तरह तैयार है. यह कहना है उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल का. अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल यह भी कहते हैं कि तीसरी लहर में बच्चों को चपेट में आने के अंदेशे को देखते हुए पूरे प्रदेश में बच्चों को समर्पित अस्पताल खोले जा रहे हैं. संक्रमण बच्चों को दिक्कत न हो इसके लिए हमारी पूरी टीम जी-जान से जुटी है.
और पढ़ें: Black Fungus Cases: देश में पैर पसार रहा ब्लैक फंगस, ये राज्य आए चपेट में
आईएएनएस से विशेष बातचीत में यूपी के वरिष्ठ आइएएस नवनीत सहगल ने बताया '' तीसरी लहर आने से पहले सरकार उसे रोकने की पूरी तैयारी में लगी है. इसके लिए हर जिले में महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेटेड अस्पताल बनाए जा रहे हैं. हर जनपद में पीडियाट्रिक आईसीयू बनाए जा रहे हैं. सभी गांवों में 97 हजार निगरानी समिति भेजी गयी हैं जो घर-घर स्क्रीनिंग कर रही है. इसके लिए 10 लाख मेडिकल किट भी दी गयी है. मुख्यमंत्री के निदेशरें के आधार पर हर जगह बेडों की संख्या बढ़ रही है. मार्च से लेकर अब तक मेडिकल कालेज में 11 हजार से ज्यादा बेड बढ़ाए गए हैं. इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग ने 18 हजार से ज्यादा बेड बढ़ाए हैं. सीएचसी में आक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था हो रही है. यहां 21 हजार कंसंट्रेटर भेजे जा रहे हैं. 855 सीएचसी में करीब 20-20 की व्यवस्था होगी. हर सीएचसी में 20-20 ऑक्सीजन वाले बेड होंगे. राज्य सरकार की किसी भी स्थिति से निबटने की पूरी तैयारी है. स्टॉफ की भर्ती हो रही है. इस माह करीब 700 लोगो की भर्ती हो गयी है.''
उन्होंने बताया कि राज्य में वैक्सीन लगाने का कार्य बहुत तेज चल रहा है. अब तक 1,16,80,212 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. पहली डोज वाले लोगों में से 32,66,076 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई. इस प्रकार कुल 1,49,46,288 वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है. 18 से 44 वर्ष के आयुवर्ग के 48,340 लोगों को वैक्सीन लगायी गयी है. इस आयुवर्ग में अब तक 4,14,329 लोगों को पहली डोज लग चुकी है. यूपी ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर भी किया है.
अपर मुख्य सचिव सहगल ने बताया कि राज्य में कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार ने घर-घर निगरानी टीम भेज कर ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की रणनीति पर पूरी आक्रमकता से जो काम किया उसीका नतीजा रहा कि 24 अप्रैल को 24 घंटे के दौरान संक्रमण के जो मामले 38055 थे वह आज घटकर करीब दस हजार पर आ गए. टेस्ट अभियान के अर्न्तगत साढ़े चार करोड़ से ज्यादा
आरटीपीसीआर जांच हो गये हैं. तीन लाख टेस्ट प्रतिदिन होने है. जिससे संक्रमितों की पहचान हो सके.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गांवों मे कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. यहां निगरानी समितियों के लोग गांव-गांव जा रहे हैं. लक्षण वाले व्यक्ति को पहचान कर तुरंत मेडिकल किट दी जा रही है. लक्षण ज्यादा होने पर आरआरटी की टीम (रैपिड रिपांस टीम) तुरंत एंटीजन टेस्ट भी कर रही है.
संक्रमण कम होने के बावजूद घटते संक्रमण के अनुपात में मौतों की संख्या कम न होने की सवाल पर सहगल ने कहा कि ऐसा होने में हफ्ते, दस दिन का समय लगता है. आने वाले समय में मौतें भी घटेगी.
पिछली बार की तुलना में सरकार से कहां चूक हो गयी जिसके कारण हालत बिगड़ने के सवाल पर सहगल ने कहा कि इस बार का संक्रमण 30 से 50 गुना ज्यादा है. उसकी शक्ति पिछली तुलना में अधिक है. इस बार का संक्रमण नौजवानों पर ज्यादा है. थोड़ा बुखार है ठीक हो जाएगा, ऐसी गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. लोग ऐसा कर खुद को खतरे में न डालें इसके लिए लोगो को समय से अस्पताल जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसी कारण गांव-गांव टीमें जा रही है.
सहगल ने कहा कि यूपी में हम प्रतिदिन 1000 टन आक्सीजन सप्लाई कर रहे है. यहां के अस्पतालों में समुचित गैस है. शुरू में ऑक्सीजन की कमी थी. अब बेहतर हो गयी है. इस व्यवस्था और ठीक करने के लिए 370 सरकारी अस्पतालों में अब ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं जो कि हवा से ऑक्सीजन बना रहे हैं.