देश का सबसे वजनी ट्रस ब्रिज का काम हुआ पूरा, 1 सप्ताह में काम हो सका पूर्ण

गाजियाबाद चिपयाना आरओबी ट्रस ब्रिज की है जिसको आज अपनी जगह पर पहुंचा दिया गया है. आपको बताते चलें यह देश का सबसे वजनी ट्रस ब्रिज है.

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Sunder Singh
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RRTS Project

सांकेतिक तस्वीर ( Photo Credit : News Nation)

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गाजियाबाद चिपयाना आरओबी ट्रस ब्रिज की है जिसको आज अपनी जगह पर पहुंचा दिया गया है. आपको बताते चलें यह देश का सबसे वजनी ट्रस ब्रिज है. जिसका वजन 2270 टन है. जबकि इसकी लंबाई की अगर बात करें तो 115 मीटर लंबाई है और सबसे अहम और खास बात यह पूरा स्टील बॉडी का बना हुआ पहला ट्रस ब्रिज है.. यह ट्रस ब्रिज दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मेरठ जाने वाली आखिरी चार लाइनों के ऊपर रखा गया है. जो कि रेलवे लाइन के ऊपर से होकर गुजरती है. इस ट्रस ब्रिज को रखने में पूरा एक सप्ताह का समय लगा. साथ ही इंजीनियर्स व लेबर को काफी मश्क्कत भी करनी पड़ी. 

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आपको बताते चलें इस ट्रस्ट ब्रिज में 1.13 लाख नट-बोल्ट लगे हैं.  इन चार लेन का काम 26 दिसंबर, 2021 को पूरा होना था, पर तकनीकी अड़चनों से डेडलाइन 30 अप्रैल 2022 की गई. डेडलाइन को तीसरी बार बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दिया गया... कोशिश की जा रही है कि 15 अगस्त से पहले इन आखिरी चार लाइनों का काम भी पूरा कर दिया जाए.

दरअसल दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पूरे 16 लाइन का है. इस एक्सप्रेस-वे की बाकी सभी लाइने पहले ही शुरू की जा चुकी है लेकिन चिपयाना आरओबी जिसके ऊपर ट्रस ब्रिज रखा गया है इन चार लाइनों पर अभी काम चल रहा है. जिसकी वजह से रोजाना से दिल्ली से मेरठ जाने वाली लाइन पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है निर्माण कार्य पूरा होने पर लोगों को लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बन कर तैयार भी हो जाएगा.

HIGHLIGHTS

  • 2270 टन है ट्रस ब्रिज का वजन 
  • दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मेरठ जाने वाली आखिरी चार लाइनों के ऊपर रखा गया
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे Country's heaviest truss bridge work completed work could be completed in 1 week मेरठ एक्सप्रेस वे देश की पहली रेपिड़ रेल सेवा
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