उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉ.संजय निषाद के विरुद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने वारंट जारी किया है. कोर्ट ने शाहपुर थाने के प्रभारी को 10 अगस्त 2022 को डॉ संजय निषाद को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. गोरखपुर के सहजनवां के कसरवल गांव में सात जून 2015 को सरकारी नौकरियों में निषादों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन और रेल रोकने का कार्यक्रम था. आंदोलन की घोषणा पहले से थी. दोपहर तक प्रदेश के अलग-अलग जिले से हजारों की संख्या में निषाद कसरवल पहुंच गए. आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर चारपाई लगाकर बैठे गए थे.
पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया, तो किसी ने पत्थर मार दिया, जिसके बाद लाठीचार्ज और बुलेट का इस्तेमाल हुआ. शाम पांच बजे आंदोलनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान वहां कई राउंड गोली चल गई. इस दौरान इटावा के रहने वाले अखिलेश निषाद की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे. तत्कालीन सहजनवां थानेदार श्यामलाल यादव ने डॉ.संजय निषाद समेत 38 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में 37 लोगों की मौके पर गिरफ्तारी हुई थी और डॉक्टर संजय निषाद बाद में कोर्ट में हाजिर हुए थे और उन्हें जमानत मिली थी.
पुलिस ने जो धाराएं लगाई थी वह 147, 148, 149, 336, 436, 307, 302, 427, 186, 332, 353 IPC 3/4 लोकसम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मुकदमे में डॉ.संजय निषाद सहित सभी आरोपी जमानत पर हैं लेकिन कोर्ट के द्वारा इस मामले की सुनवाई के दौरान डॉ संजय हाजिर नहीं होते हैं. अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है. हालांकि डॉक्टर संजय निषाद के वकील सुरेंद्र निषाद का कहना है कि जो वारंट जारी किया है वह जमानती है और डॉक्टर संजय निषाद 10 अगस्त को गोरखपुर के कोर्ट में हाजिर होंगे और अपना पक्ष रखेंगे.
इस मामले में 37 लोगों के खिलाफ जो मामला दर्ज हुआ था उसमें 3 की मृत्यु हो चुकी है और बाकियों के मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में हो रही है. वहीं डॉक्टर संजय निषाद की सुनवाई अभी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में हो रही है जिसको एमपी एमएलए कोर्ट में शिफ्ट किया जाना है. वहीं निषाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र मणि निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर से मुकदमे समाजवादी पार्टी की सरकार में दर्ज कराए गए थे वह पूरी तरह से फर्जी थे.
निषाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र मणि निषाद और वकील सुरेंद्र निषाद ने न्यूज नेशन को बताया कि पुलिस ने ही उनके कार्यकर्ताओं को पीटा था और पुलिस की गोली से ही उनके कार्यकर्ता की मौत हुई थी. ऐसे में प्रदेश सरकार में मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के साथ निषाद पार्टी के पदाधिकारी प्रदेश सरकार से यह सभी फर्जी मुकदमों को वापस लेने के लिए लगातार मांग कर रही है.
Source : Deepak Shrivastava