Ghaziabad News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है. इस जघन्य घटना के बाद डॉक्टर्स और आम जनता के बीच भारी आक्रोश है. देश के विभिन्न शहरों में धरना प्रदर्शन जारी है और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की जा रही है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बैनर तले डॉक्टर्स ने ओपीडी सेवाओं को बंद कर विरोध जताया.
डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कानून की मांग
आपको बता दें कि गाजियाबाद में हो रहे इस आंदोलन में शामिल डॉक्टर्स ने सरकार से मांग की है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए जाएं. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स ने कहा कि जिस तरह पश्चिम बंगाल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बरता की गई, वह समाज के लिए एक काला अध्याय है. डॉक्टर्स ने कहा कि वे अपने घरों से दूर रहकर लोगों की सेवा करते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते. उन्होंने कहा कि फीमेल डॉक्टर्स के साथ ही मेल डॉक्टर्स की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, और इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें : कोलकाता मामले को लेकर सड़क पर उतरीं 90 साल की महिला, हाथ में कैंडल लेकर मांग रही इंसाफ
प्रयागराज में कैंडल मार्च और हड़ताल की घोषणा
वहीं घटना की निंदा में प्रयागराज के इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर्स ने भी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. शनिवार को प्रयागराज में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा कैंडल मार्च निकाला जाएगा. इसके साथ ही आईएमए ने 17 अगस्त को 24 घंटे के लिए देशव्यापी स्वास्थ्य सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया है. इस दौरान केवल जरूरी चिकित्सा सेवाएं ही उपलब्ध कराई जाएंगी.
घटना के बाद देशभर में आक्रोश
इसके अलावा आपको बता दें कि 8-9 अगस्त की रात कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में घटित इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर नाइट ड्यूटी पर थी जब उसके साथ पहले रेप किया गया और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना के खिलाफ देशभर के डॉक्टर्स एकजुट हो गए हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि यदि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाती, तो उनके लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा.
न्याय और सुरक्षा की अपील
आपको बता दें कि अब इस मामले में डॉक्टर्स की मांग है कि इस मामले में न्याय त्वरित रूप से मिले और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए. इसके साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से कठोर कानून बनाए जाने की अपील की गई है. अब देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए किस तरह की नीति अपनाती है.