देश के कई हिस्सों में महापुरुषों के नाम पर राजनीति अपने उफान पर है। यूपी के मेरठ में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां संविधान निर्माता अंबेडकर (BR Ambedkar) की मूर्ति पर पहले तो बीजेपी (BJP) पार्टी के ज़िला सचिव सुनील बंसल माल्यार्पण करने पहुंचे वहीं बाद में दलित समुदाय के वकील संगठन ने मूर्ति की गंगाजल और दूध से 'शुद्धिकरण' किया।
मूर्ति की साफ-सफाई को लेकर वकीलों का कहना है कि कोर्ट परिसर में स्थित अंबेडकर की प्रतिमा पर बीजेपी ज़िला सचिव के माल्यार्पण के बाद यह गंदा हो गया था इसलिए हमने गंगाजल और दूध से इसकी सफाई की है।
एक वकील ने बताया, 'हमलोग मूर्ति का शुद्धीकरण कर रहे हैं क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राकेश सिन्हा ने यहां आकर मूर्ति पर माल्यार्पण किया। बीजेपी सरकार दलितों को हमेशा सताती रही है। उनका अंबेडकर से कोई लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी वो दलित समुदाय को बहलाने और अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए उनके नाम का प्रयोग कर रहा है।
ज़ाहिर है अंबेडकर (BR Ambedkar) पूरी ज़िदगी अस्पृश्यता और सामाजिक भेदभाव जैसी कुरीतियों के ख़िलाफ़ लड़ते रहे। इसके साथ ही उन्हें दलित समुदाय को बुद्ध की विचारधार से जोड़ने का श्रेय भी दिया जाता है।
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बता दें कि हाल के दिनों में यूपी (UP) के इलाहाबाद, बस्ती और कई अन्य शहरों में अंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने की घटना सामने आई थी। इतना ही नहीं कई जगहों पर इनकी मूर्ति को भगवा रंग में रंगने की घटना भी सामने आई थी।
Source : News Nation Bureau