गुरुवार को कुवैत के मंगफ इलाके में भीषण आग की चपेट में एक बिल्डिंग आ गया था. इस आगजनी से कई मासूम लोगों की जान चली गई. इस घटना में कुल 49 लोगों की जलने से मौत हुई थी, जिसमें से 45 भारतीय मजदूर थे. शुक्रवार को इंडियन एयरफोर्स के विशेष विमान के जरिए इन 45 भारतीयों के पार्थिव शरीर को भारत लाया गया. जिसमें केरल के 23, तमिलनाडु के 7, यूपी के तीन, बिहार और ओडिशा के 2, झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, पंजाब और कर्नाटक के 1-1 शामिल है. पहले शवों को केरल लाया गया और वहां से उनके-उनके घर भेजा गया. घरवालों की हालत देख वहां मौजूद लोगों की आंखों में भी आंसू आ गए. शव को देख परिजनों का हाल रो-रोकर बेहाल हो गया. 46 वर्षीय अंगद गुप्ता और 40 वर्षीय जयराम गुप्ता का शव दिल्ली से गोरखपुर भेजा गया. जहां शव को देखते ही परिवार वाले शव से लिपटकर रोने लगे.
परिवार में अकेले कमाने वाले थे अंगद गुप्ता
अंगद गुप्ता की बात करें तो वह पिछले 8 सालों से कुवैत में रहकर काम कर रहे थे. मौत से महज एक दिन पहले उन्होंने अपने घर पर बात भी की थी और बच्चों को मन लगाकर पढ़ने को कहा था. अगंद के तीन बच्चे हैं, एक बेटी और दो बेटे. उनके परिवार में इकलौते कमाने वाले थे और अब उनकी मौत के बाद से पूरा परिवार टूट चुका है. पत्नी हाउसवाइफ हैं और घर को देखने वाला कोई नहीं है. अंगद के परिवारवालों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
जल्दी घर आने का जयराम ने किया था वादा
वहीं, जयराम गुप्ता भी यूपी के गोरखपुर के रहने वाले थे. गुरुवार को जब जयराम की मौत की खबर घर पहुंची तो पूरे घर में मातम मच गया. घर को चलाने के लिए जयराम कुवैत में काम कर रहे थे तो पत्नी गांव में कपड़े की दुकान चलाती है. जयराम के दोनों बच्चे काफी छोटे हैं बेटी क्लास 4 में पढ़ रही है तो बेटा क्लास 6 में. 9 साल से जयराम परिवार की आर्थिक स्थित को बेहतर बनाने के लिए कुवैत गए थे. जयराम ने भी दो दिन पहले ही फोन पर बच्चों से बात की थी और जल्दी आने का वादा किया था.
HIGHLIGHTS
- कुवैत से शव पहुंचा गोरखपुर
- शव देख लिपट पड़े परिवार
- मची चीख पुकार
Source : News Nation Bureau