अस्पताल में तड़पकर मरा मासूम, लाल के शव से चिपककर रोता रहा पिता, डॉक्टरों ने नहीं किया इलाज

डॉक्टर को इस धरती पर भगवान का दर्जा दिया गया है. लेकिन कभी-कभी डॉक्टर की संवेदनहीनता इंसान की जिंदगी पर भारी पड़ जाता है. ऐसे ही एक मामला कन्नौज का है. डॉक्टर अगर सही समय पर इलाज शुरू करता तो मासूम की जान बच सकती थी.

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
सिरे से लाल के शव को लगाकर रोता पिता

सिरे से लाल के शव को लगाकर रोता पिता( Photo Credit : मीडिया रिपोर्ट)

Advertisment

डॉक्टर को इस धरती पर भगवान (God) का दर्जा दिया गया है. लेकिन कभी-कभी डॉक्टर की संवेदनहीनता इंसान की जिंदगी पर भारी पड़ जाता है. ऐसे ही एक मामला कन्नौज का है. डॉक्टर (Doctor) अगर सही समय पर इलाज शुरू करता तो मासूम की जान बच सकती थी. लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ. मासूम बुखार से पीड़ित था, परिजनों ने उसे जिला अस्पताल लाया, लेकिन तय समय पर डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू नहीं किया. जिससे बच्चा तड़पकर मर गया. परिजनों का आरोप है कि बच्चा तड़पकर मर गया पर डॉक्टरों ने इलाज नहीं किया. गुहार करने पर इलाज की कवायद शुरू की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.

यह भी पढ़ें- प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना, बोलीं- कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठी और फर्जी मुकदमों से डरने वाले नहीं

आधे घंटे में बच्चे ने दम तोड़ दिया

आधे घंटे में बच्चे ने दम तोड़ दिया. रोता-बिलखता पिता लाडले का शव गोद में लेकर चिल्लाता रहा कि डॉक्टरों ने इलाज किया होता शायद बेटा जिंदा होता. सदर ब्लॉक के मिश्रीपुर गांव निवासी प्रेमचंद के चार वर्षीय बेटे अनुज को कई दिन से बुखार आ रहा था. रविवार शाम प्रेमचंद उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. उनका आरोप है कि डॉक्टर इलाज करने की बजाए उसे कानपुर ले जाने का दबाव बनाने लगे, जबकि बच्चे की हालत ऐसी नहीं थी कि उसे इतनी दूर ले जाया जा सके. काफी मिन्नतों के बाद अनुज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया. अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और देखते ही देखते सांसें थम गईं.

यह भी पढ़ें- 'मेक इन इंडिया' कह कर बाय फ्रॉम चाइना कर रही मोदी सरकार, राहुल गांधी ने साथा निशाना

प्रेमचंद के पैरों तले जमीन खिसक गई

डॉक्टरों के जैसे ही अनुज के मृत होने की बात कही तो प्रेमचंद के पैरों तले जमीन खिसक गई. वे एकदम से बदहवास हो गए. जमीन पर सिर पकड़कर रोने लगे. बच्चे की लाश सीने से चिपकाकर वार्ड से बाहर निकले और चीखने लगे. उन्हें रोते देख हर किसी की आंखें नम हो गईं. वहीं कन्नौज के सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप ने इस सारे आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं की गई. बच्चे को नाजुक स्थिति में यहां लाया गया था. बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन बचा नहीं पाया.

HOSPITAL death Treatment doctor
Advertisment
Advertisment
Advertisment