केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार 17 अक्टूबर को रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर झांसी में राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व का उद्धाटन किया. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये पर्व देश की गौरव गाथा से जोड़ता है और आज़ादी के अमृत महोत्सव से जोड़ता है. महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता नारी शक्ति को नया आयाम दिया. उन्होंने कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने भी आज़ाद हिंद फौज में रानी लक्ष्मी बाई राजमेंट बनाया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि सेना के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई गई है. NDA में 2 लाख से अधिक लड़कियों ने प्रवेश परीक्षा दिया था. आगे उन्होंने कहा कि भारत अब सामरिक आज़ादी भी एक दशक में प्राप्त करेगा. अब भारत की सेना के लिए भारत मे ही अब हथियार बनेगा,स्वदेशी हाथों से निर्माण होगा. भारत में कभी एक सुई भी नही बनती थी लेकिन अब देश नई ऊँचाई को प्राप्त करेगा.
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उन्होंने आगे कहा कि सेना के साजो समान दुनिया के देश से आयात करते थे अब देश में ही बन रही है और बनेगी. भारत जैसे बड़े देश दूसरे देशों पर निर्भर होकर अपनी रक्षा नहीं कर सकता उसका एकमात्र विकल्प है कि आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा. रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्म निर्भरता को मजबूत बनाया जा रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि एचसीएल को 50 हज़ार करोड़ का ऑर्डर दिया गया है आज तक भारत के किसी कंपनी को इतना बड़ा आर्डर नहीं मिला था. रक्षा उत्पाद में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम चल रहा है अब भारत ने 38 हजार करोड़ से ज्यादा की रक्षा उत्पादन निर्यात किया है. अब तय कर लिया है कि दुनिया के दूसरे देशों से कुछ भी हो जाए माल नहीं खरीदें.
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रक्षा मंत्री ने सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार ने सूबे की तस्वीर बदल दी है. बुंदेलखंड में भी एक्सप्रेस वे बन रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में माफिया राज पर लगाम लगाने की बात आती है तो उत्तर प्रदेश का नाम आता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की याद आते ही अपराधियो की धड़कन बढ़ जाता है.
Defence Minister Rajnath Singh inaugurates arms exhibition at the 'Rashtra Raksha Samarpan Parv' in Jhansi. pic.twitter.com/Eqpnmjgti0
— ANI UP (@ANINewsUP) November 17, 2021
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि यह पर्व जहां हमें भारत की गौरव गाथा से जोड़ता है, देश की स्वाधीनता के लिए हुए संग्रामों से जोड़ता है, वहीं यह भारत की आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ से भी जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि 'राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व', देश की रक्षा के प्रति हमारे संकल्प के साथ-साथ शौर्य, पराक्रम और बलिदान की भारतीय परम्परा का उत्सव है. राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के बाद महिलाओं को राष्ट्र-रक्षा के काम में बहुत सक्रिय भागीदारी निभाने का मौका नहीं मिला. मगर अब हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं. विशेष रूप से जब से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली है महिलाओं की हर फोर्स में भागीदारी बढ़ रही है.
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उन्होंने आगे कहा कि भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महारानी लक्ष्मीबाई का योगदान अतुलनीय है. जब अंग्रेजी हूकूमत के सामने एक के बाद एक देसी रियासतें घुटने टेक रही थीं तब महारानी लक्ष्मीबाई ने साफ़ साफ़ कह दिया था कि ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’.
रक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भरता के बारे में कहा कि सरकार के प्रयासों से हमारा देश ‘आत्मनिर्भरता’ की राह पर बड़ी तेज गति के साथ आगे बढ़ चला है. आगामी दिनों में जो भी कार्यक्रम होने जा रहे हैं, वे आज़ादी के इसी बदले हुए अर्थ को हमारे सामने प्रस्तुत करने वाले हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि अब सेना ने फैसला किया है कि योग्य महिला अधिकारी जो मेरिट में क्वॉलिफ़ाई करेगी उन्हें ‘परमानेंट कमीशन’ दे दिया जाएगा. महिला सशक्तिकरण का यह एक बढ़िया उदाहरण है.