बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में 'भूत विद्या' में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने को लेकर अब सोशल मीडिया पर नाराजगी सामने आ रही है, बीएचयू कोर्ट के एक सदस्य ने कोर्स के नाम में बदलाव के सुझाव के साथ कुलपति को पत्र लिखा है. बीएचयू पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि आयुर्वेद विभाग द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा कोर्स साइकोसोमैटिक डिसऑर्डर से संबंधित है और इसका असाधारण गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि इसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है.
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श्रीराम एस.सावरिकर ने एक पत्र में कहा है कि चूंकि आम आदमी की समझ सीमित है, इसलिए नामकरण में स्पष्टता होनी बेहद जरूरी है. सावरिकर बीएचयू कोर्ट के सदस्य भी हैं.
सावरिकर ने अपने पत्र में लिखा, "मुझे कोर्स की सामग्री से अवगत नहीं हूं. हालांकि, विषय के बारे में मेरी जानकारी के आधार पर, यह मनोरोग से संबंधित प्रतीत होता है. इसलिए, कोर्स का नाम बदल दिया जाना चाहिए और इसका नाम बदलकर आयुर्वेदिक साइकेट्री कर दिया जाना चाहिए."
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पत्र में यह भी कहा गया, "आम लोग 'भूत' को भूत व प्रेत के तौर पर समझते हैं और हमेशा से इसे तांत्रिक अनुष्ठान से जोड़ते हैं जो इस मुद्दे को बहुत संवेदनशील बनाता है. कोर्स का नाम 'भूत विद्या' एक गलत संदेश देता है." बीएचयू के अधिकारियों को अभी कोर्स के नाम के बदलाव पर फैसला लेना है.
Source : News Nation Bureau