बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बाद प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने भी सनातन यात्रा निकाली. यात्रा में संतों के साथ-साथ बड़ी संख्या में आम लोग भी शामिल हुए. पांच किलोमीटर लंबी यात्रा में 101 मीटर लंबे भगवा बैनर भी निकाला गया, जिसमें लिखा था- अयोध्या हमारी है, मथुरा की बारी है. यात्रा के माध्यम से उन्होंने सनातन धर्म बोर्ड बनाने की मांग की. यात्रा उत्तर प्रदेश के कानपुर में निकाली गई.
सनातन धर्म बोर्ड की मांग
कानपुर के मोती झील से निकली यात्रा के दौरान महाराज ने देवकीनंदन ने कहा कि बांग्लादेश में जैसे इस्कॉन और संतोषी माता मंदिर में तोड़फोड़ और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई और वहां के हिंदुओं को जिस तरह मारा-पीटा जा रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के लिए निंदनीय है कि एक देश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ रहा है और पूरी दुनिया शांत है. लोगों को इसका जवाब देना चाहिए. यात्रा के दौरान, देवकीनंदन ठाकुर ने खुद भी एक तख्ती पकड़ी थी, जिसे पकड़े-पकड़े उन्होंने पूरी यात्रा की. तख्ती पर लिखा था- हर हिंदू की यही पुकार, सनातन बोर्ड जे सरकार.
हिंदुओं के लिए अलग राज्य
बांग्लादेश के हालात पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर यूएन को हस्तक्षेप करना चाहिए और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए. वहां की सरकार को खारिज किया जाए नहीं तो वहां के हिंदुओं के लिए अलग राज्य बनाकर दें. यात्रा से पहले, अपनी कथा में उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी सनातनियों को एकजुट होने की बात कही थी.
हजारों लोगों ने की एक ही मांग
कानपुर के मोती झील में हो रही भागवत कथा के अंतिम दिन देवकीनंदन ठाकुर और अरुण चैतन्यपुरी के नेतृत्व में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चली. हजारों की संख्या में लोगों ने सरकार से सनातन धर्म बोर्ड बनाए जाने की मांग को मजबूती से उठाया.