उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह (ओपी सिंह) पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मानद उपाधि नहीं लेंगे. उन्होंने विवादों की वजह से मानद उपाधि लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने खुद मानद उपाधि नहीं लेने की जानकारी दी है. बता दें कि डीजीपी ओपी सिंह के साथ ही वेस्ट बंगाल के पूर्व गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी को भी मानद उपाधि दी जानी है. दोनों ही इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के पुराने छात्र रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः अक्टूबर से नई दिल्ली-लखनऊ के बीच चलेगी देश की पहली निजी ट्रेन, जानें इसकी खासियत
इतना ही नहीं डीजीपी ओपी सिंह आज होने वाले यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भी शामिल नहीं होंगे. डीजीपी के इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी दीक्षांत समारोह में आने का कार्यक्रम रद्द हो गया है. हालांकि उन्होंने निवर्सिटी प्रशासन को चिट्ठी लिखकर अपना नाम चुने जाने पर आभार जताया है. गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी के तमाम छात्र और पूर्व शिक्षक डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने का विरोध कर रहे थे. बुधवार कोइस मामले में दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की गई थी. ऐसे में दीक्षांत समारोह के दौरान हंगामे की संभावना भी थी.
यह भी पढ़ेंः आजम के बाद अब मुश्किल में फंसे वसीम रिजवी, अग्रिम जमानत याचिका खारिज
अहम बात ये है कि पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 22 सालों के बाद दीक्षांत समारोह का आयोजन हो रहा है. शिक्षक दिवस के मौके पर इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में आयोजित होने वाले दीक्षान्त समारोह में शैक्षिक सत्र 2017-18 के 124 मेधावियों को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक दिया जाएगा. दीक्षान्त समारोह में 176 शोध छात्रों को पीएचडी की डिग्री भी दी जाएगी. दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में शान्ति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी पहुंच गए हैं. वो दीक्षान्त भाषण देने के साथ ही छात्र-छात्राओं को मेडल और डिग्री प्रदान करेंगे.
यह वीडियो देखेंः