Dhananjay Kidnapping Case: उत्तर प्रदेश के जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल धनंजय सिंह को बड़ा झकटा लगा है. इंजीनियर की किडनैपिंग और फिरौती मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह को सात वर्ष की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. बता दें कि बीते मंगलवार को ही अदालत की ओर से धनंजय और उनके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को इस केस में दोषी करार दिया गया था. कोर्ट से ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था. बता दें कि यह मामला नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघर की किडनैपिंग और फिरौती या रंगदारी का है.
लोकसभा चुनाव लड़ने का किया था ऐलान
बता दें कि धनंजय सिंह ने इस बार जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया था. लेकिन अब सजा के ऐलान के बाद संभावना काफी कम हो गई हैं वह चुनाव लड़ सकें. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से मुंबई में उत्तर भारतीयों के नेता के तौर पर पहचान रखने वाले कृपाशंकर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी की पहली 195 उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम शामिल है.
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हाईकोर्ट में करेंगे अपील
एमपी-एमएलए कोर्ट के सात साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माने के फैसले को लेकर धनंजय सिंह के वकील की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. धनंजय सिंह के वकील का कहना है कि वह इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करेंगे. इससे पहले एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा के सभी पॉइंट्स पर सुनवाई की और अपना अहम फैसला उस वक्त सुनाया जब धनंजय सिंह के समर्थक भारी संख्या में कोर्ट के बाहर जमा थे. हालांकि यहां से पुलिस सीधे धनंजय सिंह को सुरक्षित जिला जेल ले गई.
हालांकि इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई के करीब 40 मिनट तक अपना फैसला सुरक्षित रखा और इसके बाद धनंजय सिंह की सजा का ऐलान किया गया. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की ओर से धनंजय सिंह को आजीवन कारावास दिए जाने की मांग की गई थी.
Source : News Nation Bureau