इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. बार काउंसिल को जौनपुर की शाहगंज तहसील के आये दिन हड़ताल करने वाले वकीलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. साथ ही तहसीलदार को अगले तीन माह के भीतर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 35 की सुनवाई प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि वकील हड़ताल पर चले जाएं तो शादी को सुनकर कार्यवाही पूरी की जाए. यदि कोर्ट कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा हो तो पुलिस की सहायता ली जाए. कोर्ट ने आदेशों का तत्काल प्रभाव से पालन करने को कहा है.
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यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अशोक यादव की तहसीलदार महेंद्र बहादुर के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.याचिका पर अधिवक्ता आर एन यादव व अभिषेक कुमार यादव ने बहस की. इनका कहना है कि कोर्ट ने तहसीलदार को 25 फरवरी 21 को चार माह में कार्यवाही पूरी करने का आदेश दिया था. किंतु आये दिन वकीलों की हड़ताल के कारण सुनवाई नहीं हो सकी है. जिसके कारण आदेश का पालन नहीं किया जा सका है.
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कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के हवाले से कहा कि वकील कोर्ट आफीसर है. उन्हें हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं है. साथ ही न ही किसी कोर्ट का बहिष्कार कर सकते हैं. वकीलों का हड़ताल पर जाना सुप्रीम कोर्ट को फैसले की अवहेलना करना है.