कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन करने पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में जो याचिका दायर की गई, उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. यह आपत्ति शिवपुर नटिनियादाई निवासी अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी ने दायर की थी. याचिका दायर करने के पीछे उनका तर्क था कि चूंकि प्रियंका गांधी वाड्रा ईसाई हैं, ऐसे में हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है.
वाराणसी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसपी यादव ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि महंत और जिला प्रशासन ने अभिमत व्यक्त करते हुए बताया है कि बाबा विश्वनाथ की कोई जाति और धर्म नहीं है. बाबा विश्वनाथ सबके हैं और सब बाबा विश्वनाथ के हैं.
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कोर्ट ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा भी हिंदू भावना से ओतप्रोत होकर श्रद्धा भाव के साथ दरबार में पहुंची थीं. मंदिर में सभी जाति और धर्म के लोगों को दर्शन कराया जा रहा है, खुद प्रशासनिक कर्मचारी और महंत वहां मौजूद रहे, ऐसे में किसी की भावना को ठेस पहुंचना प्रमाणित नहीं होता है.
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बता दें कि 20 मार्च 2019 को प्रियंका गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दरबार पहुंचकर दर्शन पूजन किया था. इसी बात को लेकर अधिवक्ता ने याचिका दाखिल की थी. याचिका में उन्होंने बताया था कि प्रियंका गांधी वाड्रा ईसाई हैं. ऐसे में बाबा विश्वनाथ के दरबार में जाने से हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है. यह कृत्य मंदिर प्रशासन के सहयोग से हुआ है. इसलिए सभी को तलब करते हुए विधिक कार्रवाई की जाए.
Source : News Nation Bureau