सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद ओपी राजभर का अखिलेश पर वार और पलटवार के बाद गुरुवार को नया मामला सामने आया. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर लखनऊ में हुई विपक्ष की बैठक में सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को नहीं बुलाने से एक बार फिर गठबंधन में दरार दिखाई दी है. राजभर ने बैठक में नहीं बुलाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने उन्हें बैठक में आने का निमंत्रण नहीं दिया. लगता है अखिलेश को अब उनकी जरूरत नहीं है.
राजभर ने आजमगढ़ व रामपुर में हार के लिए अखिलेश को ठहराया था जिम्मेदार
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि आजमगढ़ में तीन सौ कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ 12 दिन प्रचार किया. इस दौरान हमने जो महसूस किया कि अखिलेश यादव के न आने की वजह से हम लोग चुनाव हार गए. उन्होंने एक बार फिर कहा कि पार्टी के कमांडर अगर रहे होते तो यह हार नहीं हुई होती. उन्होंने ये भी कहा कि अखिलेश यादव को कार्यकर्ताओं से बात करनी चाहिए, सारी बीमारी पता चल जाएगी. राजभर के इस बयान को अखिलेश यादव ने सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि हमें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है.
ये भी पढ़ेंः 'मैं राष्ट्रपति चुना गया तो किसी भी चुनी हुई सरकार को गिराने नहीं दूंगा'
पहले भी साधा था निशाना
राजभर ने इससे पहले भी बलिया के रसड़ा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने दम पर नहीं, बल्कि अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे. वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में हुआ था, मगर ताज अखिलेश के सिर सजा.
Source : News Nation Bureau