उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को मकान खाली करने के लिए जिला पंचाय की ओर से नोटिस भेजा गया है. नोटिस में माता प्रसाद पांडेय को 7 दिन के अंदर ये मकान खाली करने को कहा गया है. वहीं मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी विधायक और योगी सरकार में मंत्री सतीश द्विवेदी पर मकान खाली कराने का आरोप लगाया है.
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जानकारी के मुताबिक 1978 में जनता पार्टी की सरकार की तरफ से ये मकान आवंटित हुआ था. इसमें 50 रुपया महीने पर 99 साल का पट्टा किया गया था. मामले में बताया जा रहा है कि सरकार के शासनादेश के आधार पर जिला पंचायत ने नोटिस भेजा है. जिसमें 7 दिनों में मकान खाली करने को कहा गया है.
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नोटिस को लेकर माता प्रसाद पांडेय ने प्रेस कान्फ्रेंस कर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह अब तक की सबसे दमनकारी सरकार है. उन्होंने कहा कि ये सरकार प्रदेश के साथ मेरे जिले में भी सपा के कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है. माता प्रसाद पांडेय ने अपने आवास पर ये प्रेस कान्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि शासन के द्वारा एलाट किए गए सरकारी भवन को 50 रुपये महीने के हिसाब से 99 वर्षों के लिए एलाट किया गया था. उसे आज राजनीतिक दबाव में सीधे खाली कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन स्थानीय विधायक के इशारे पर काम कर रहा है.
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माता प्रसाद पांडेय ने बताया कि जब बस्ती जिला था तब 1978 में जिला पंचायत ने ये पट्टा आवंटित किया था. इसकी राशि वह हर महीने जमा करते रहे हैं. 2009 में स्थानीय सांसद ने इसे खाली कराने की कोशिश की थी. हालांकि वह इसमें कामयाब नहीं हो सके.
HIGHLIGHTS
- 1978 में जिला पंचायत ने 99 साल के लिए दिया था पट्टा
- जनता पार्टी की सरकार में पट्टा दिया गया था
- 50 रुपये महीना है पट्टे का किराया
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो