यूपी के हाथरस में गैंगरेप की शिकार होने के बाद दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ने वाली दलित लड़की के पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह तड़के अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मामले में परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि उनकी बिना अनुमति के बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
वहीं, उत्तर प्रदेश के डीएम का कहना है कि हाथरस गैंगरेप पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन नहीं किया है. परिवारवालों की सहमति से अंतिम संस्कार किया गया है. हाथरस के डीएम ने कहा, 'परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार किए जाने का आरोप गलत है. पिता और भाई ने रात में अंतिम संस्कार करने के लिए अपनी सहमति दी. अंतिम संस्कार के समय परिवार के सदस्य भी मौजूद थे. पीड़िता का शव ले जाने वाला वाहन रात 12:45 से 2:30 बजे तक गांव में मौजूद था.'
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एएनआई से बात करते हुए पीड़िता के भाई ने कहा कि पुलिस ने जबरन शव को ले लिया और पिता को अंतिम संस्कार के लिए साथ ले गए. हाथरस के श्मशान में पिता को पुलिस ले गई. पिता ने उनसे कहा कि वो सुबह अंतिम संस्कार करेंगे, लेकिन वे जल्दबाजी में थे. वो तुरंत ऐसा करने को मजबूर कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शरीर खराब हो रहा है. इसलिए इसे जल्दी करना होगा.
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बता दें कि हाथरस के गांव में 14 सितंबर को चार पुरुषों लड़की का गैंगरेप किया गया. उसे गहरा जख्म दिया गया. गला दबाकर मारने की भी कोशिश की. चारों ने उसे मरा समझ कर छोड़ कर वहां से भाग गए. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों को हिरासत में ले लिया है.
Source : News Nation Bureau