उत्तर प्रदेश के आगरा से एक निजी हॉस्पिटल के हैवानियत की घटना सामने आई है. निजी हॉस्पिटल ने महिला के प्रसव कराने के बाद 30,000 रुपए के बिल के बदले डॉक्टर ने उससे जबरदस्ती नवजात को छीन लिया. जबरदस्ती महिला से एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया. डॉक्टरों के हैवानियत के सामने महिला का पति भी कुछ नहीं कर सका.
घटना के तुरंत बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आयी और अस्पताल को तुरंत सील कर दिया गया. वैसे नवजात का अभी भी कुछ पता नहीं चल सका है.
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इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना 24 अगस्त की है जब रिक्शा चालक शिव नारायण के पत्नी बबिता को प्रसव पीड़ा हुई. प्रसव के लिए शिव नारायण ने पास के ही जेपी अस्पताल में अपनी पत्नी को भर्ती करा दिया. बबिता ने बेटे को जन्म दिया. अगले दिन जब डिस्चार्ज कराने की बारी आई तो अस्पताल प्रबंधन ने रिक्शा चालक शिव नारायण को 30,000 रुपये का बिल थमा दिया. शिव नारायण ने चिकित्सक के हाथ-पांव जोड़कर 500 होने की बात कही. चिकित्सक ने रिक्शा चालक की एक न सुनी और उनसे बच्चे को वहीं छोड़ने के लिए बोल दिया गया.
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आरोप है कि चिकित्सक ने नवजात को उसकी मां से नहीं मिलने दिया गया. चिकित्सक का कहना था कि पैसे नहीं हैं तो बच्चा देना पड़ेगा. महिला ने आरोप लगाया है कि जबरन कुछ पैसे पकड़ाकर उससे एक कागज पर अंगूठे का निशान ले लिया और अस्पताल से भगा दिया गया. महिला का अरोप है कि डॉक्टर ने बच्चे को अपने रिश्तेदार को बेच दिया है. मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई. सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल पर कार्रवाई करते हुए उस पर सील कर दी है.
हालाकिं मामला कुछ संदिग्ध लग रहा है क्योंकि महिला को बच्चा अभी तक नहीं मिला है और उसने पुलिस में शिकायत भी नहीं की है. दूसरी तरफ डॉक्टर से भी संपर्क स्थापित नहीं हो रहा है.
Source : News Nation Bureau