पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का मामला दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. हाल ही में बंगाल सहित देश के कई राज्यों में इस हिंसा के विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल और प्रदर्शन किया था. इस हड़ताल के वजह से मरीज और उनके परिजनों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
लेकिन मरीजों को अब भी राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहा है क्योंकि सोमवार को एक बार फिर डॉक्टरों ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. लखनऊ में डॉक्टरों की हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया है. लखनऊ के केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी में भी इलाज नहीं हो पा रहा है.
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इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर मरीजों की लंबी कतार लगी है. ओपीडी में आने वाले गंभीर मरीज ट्रामा सेंटर पहुंच रहे हैं. ट्रामा सेंटर में अंदर से लेकर बाहर तक मरीजों का तांता लगा है. केजीएमयू, पीजीआई लोहिया संस्थान स्ट्राइक पर हैं. सिर्फ बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल और लोकबंधु अस्पताल की ओपीडी चल रही है.
बंगाल में हुई डॉक्टरों के साथ हिंसा के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया है. हालांकि इमरजेंसी सेवाओं पर इसका असर नहीं पड़ेगा. इस हड़ताल की वजह से दिल्ली में सोमवार को करीब 80 फीसदी ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगी.
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बताया जा रहा है कि आईटीओ के आईएमए दफ्तर में सुबह 10: 00 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक डॉक्टरों धरना देंगे. दूसरी तरफ बंगाल के हड़ताली डॉक्टर गतिरोध दूर करने के लिए ममता बनर्जी सरकार से बातचीत को तैयार हैं. हालांकि इसके लिए उन्होंने कुछ शर्ते भी रखी है.
HIGHLIGHTS
- डॉक्टरों की हड़ताल से सिर्फ कुछ ही जगह चल रही OPD
- लखनऊ के ट्रामा सेंटर मरीजों से भरा
- पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों से मारपीट का हो रहा है विरोध