आगरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए भीषण बस हादसे के बाद परिवहन विभाग एक-एक कील कांटे दुरूस्त करने में लगा हुआ है. इसी के मद्देनजर अब वे एक नया फार्मूला लागू करने जा रहे हैं. इसके तहत वाहन चालक यात्रा के दौरान रास्ते में खाना खाने के बाद या तो ढाबे पर आधे घंटे विश्राम करेंगे या फिर वज्रासन के बाद ही बस चलाएंगे. परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने प्रदेशभर के विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर यह फार्मूला निकाला है. सुधार के तमाम सुझावों पर चर्चा के साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि चालक वज्रासन करने के पश्चात ही वाहन चलाएंगे.
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बैठक के दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुई दुर्घटना को केंद्र में रखते हुए अधिकारियों से कमियों और सुझावों पर कई घंटे चर्चा हुई. परिवहन मंत्री ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार चालक को झपकी आने की वजह से यह दुर्घटना हुई थी. इसके साथ यह निर्णय भी लिया गया है कि यमुना एक्सप्रेस वे और लखनऊ -आगरा एक्सप्रेस वे पर निरीक्षकों को 24 घंटे तैनात किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि, लंबे रूट पर चार लाख किलोमीटर से कम चली बसों को चलाने का निर्णय लिया गया है. इन रूट पर अनुभवी और अच्छे रिकॉर्ड वाले वाहन चालक तैनात होंगे. वाहन चालकों को काम का बेहतर माहौल दिया जाएगा. सभी बस अड्डों पर व्यवस्थित विश्राम कक्ष होंगे. चालकों की तैनाती सॉफ्टवेयर से निष्पक्षता के साथ होगी और चालकों के लिए प्रति माह स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा और माह में कम से कम चार दिन की छुट्टी अनिवार्य रूप से दी जाएगी.
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गौरतलब है कि आगरा के एत्मादपुर के पास लखनऊ से दिल्ली जा रही डबल डेकर बस यमुना एक्सप्रेसवे पर रेलिंग तोड़ते हुए 30 फुट गहरे झरना नाले में जा गिर गई थी. इस हादसे में एक बच्ची समेत 30 लोगों की जान चली गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे. बताया जा रहा है कि ड्राइवर को नींद आने की वजह से यह हादसा हुआ था.
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